किन्नौर (लाबरंग): विशेषर नेगी,
किन्नौर जिले के दूरस्थ गांव लाबरंग, तहसील पूह की बेटी आरोही नेगी ने वो कर दिखाया है, जिसका सपना हर घर में देखा जाता है, लेकिन पूरी लगन और संघर्ष से चुनिंदा ही हासिल कर पाते हैं। आरोही नेगी ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला में MBBS पाठ्यक्रम में चयन पाकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है।
आरोही की यह सफलता केवल एक प्रवेश परीक्षा पास करने की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है, जो सीमित संसाधनों में भी असीम सपने देखते हैं। दुर्गम पर्वतीय परिस्थितियों, इंटरनेट की सीमाएं, संसाधनों की कमी – ये सब बाधाएं बन सकती थीं, लेकिन आरोही ने उन्हें सीढ़ियाँ बना दिया।
आरोही के पिता नायब तहसीलदार सुरेश कुमार नेगी और माँ स्नेह लता नेगी अध्यापिका ने हर मोड़ पर बेटी का हौसला बढ़ाया। माँ ने अपने सपनों को बेटी के सपनों में ढालकर उसे उड़ान दी। परिवार की निस्वार्थ प्रेरणा, शिक्षा के प्रति समर्पण और हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच ने आरोही को इस मुकाम तक पहुँचाया।
आरोही की प्रारंभिक शिक्षा DAV पब्लिक स्कूल, दत्तनगर में हुई, जहाँ से उसकी मेधा ने उड़ान भरी। वह न केवल एक अनुशासित और मेधावी छात्रा रही, बल्कि अध्यापकों की प्रिय भी बनी। पढ़ाई के साथ-साथ उसने आत्मविश्वास, समय प्रबंधन और निरंतरता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया।
आरोही ने बताया “मैंने हर असफलता को सीख की तरह लिया और हर सुबह एक नए उत्साह के साथ अपनी तैयारी में जुट गई। मेरे माता-पिता ने हर कदम पर मेरा मनोबल बढ़ाया और गुरुजनों का मार्गदर्शन मेरे लिए अमूल्य रहा।”
किन्नौर जैसे क्षेत्र में जहाँ संसाधन सीमित हैं, वहाँ से निकलकर IGMC जैसे प्रतिष्ठित संस्थान तक पहुँचना वास्तव में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। आरोही आज हर उस बेटी के लिए उम्मीद की मशाल बन गई है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहती है।