शिमला –न्यूज व्यूज पोस्ट , भारत की पुलिस सेवा में कई नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, लेकिन उनमें से एक नाम जो अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और नेतृत्व का प्रतीक बना, वह है श्री आई.बी. नेगी। किन्नौर जिले के सांगला गांव में 31 अक्तूबर 1932 को जन्मे श्री नेगी ने 1958 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में उत्तर प्रदेश कैडर से अपनी यात्रा शुरू की।
उनकी सेवा सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने पूरे देश में सुरक्षा, कानून व्यवस्था और प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के एडीसी, नैनीताल और लखीमपुर खीरी के पुलिस प्रमुख, और लखनऊ में CID के एसपी के रूप में कार्यरत रहे।
दिल्ली पुलिस में क्रांति के सूत्रधार
1978 में जब दिल्ली पुलिस को आधुनिक पुलिसिंग व्यवस्था की जरूरत थी, तब श्री नेगी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त प्रणाली (Commissionate System) की स्थापना में एक अहम भूमिका निभाई। यह प्रणाली आज भी देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनी हुई है।
अर्धसैनिक बलों में सशक्त नेतृत्व
श्री नेगी ने आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ जैसी महत्वपूर्ण अर्धसैनिक इकाइयों में विभिन्न पदों पर सेवाएं दीं। 1975 में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (NDC) के प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद, उन्हें बोकारो में सीआईएसएफ के डीआईजी के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा, वे माउंट आबू स्थित सीआरपीएफ अकादमी में उप निदेशक भी रहे।
हिमाचल प्रदेश के पहले पुलिस महानिदेशक (DG)
1986 में, श्री नेगी को हिमाचल प्रदेश पुलिस के पहले महानिदेशक (DG) के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने, पुलिस प्रशासन को आधुनिक बनाने और अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय सुधार करने में अहम भूमिका निभाई।
अंतरराष्ट्रीय पहचान
1988 में, उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दक्षिण-पूर्व एशिया में इंटरपोल सम्मेलन में भारतीय पुलिस दल का नेतृत्व किया।
सम्मान और विरासत
श्री नेगी की निष्ठा और सेवा को राष्ट्रपति पुलिस पदक (PPMDS) और पुलिस पदक (PMS) से सम्मानित किया गया। उनकी प्रेरणादायक यात्रा भारतीय पुलिस सेवा के लिए एक मिसाल बनी हुई है।
उनका जीवन देश के युवाओं और पुलिस अधिकारियों के लिए ईमानदारी, समर्पण और नेतृत्व क्षमता का उदाहरण है। उनकी सेवाएं हमेशा भारतीय पुलिस बल के स्वर्णिम इतिहास का हिस्सा रहेंगी।