शोलटू (किन्नौर): न्यूज व्यूज पोस्ट।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किन्नौर की चरखा कारीगर महिलाओं ने सशक्तिकरण की एक नई कहानी लिखी। जेएसडब्ल्यू द्वारा संचालित चरखा स्वयं सहायता समूह की लगभग 100 महिलाओं ने इस विशेष दिवस को सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने की, जिन्होंने दीप प्रज्वलन कर आयोजन की शुरुआत की। इस मौके पर चागांव, पानवी, शोंग, निचार, जानी और शोलटू की महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य व संगीत के जरिए अपनी संस्कृति की झलक पेश की।
उपायुक्त डॉ. शर्मा ने महिलाओं के योगदान को सराहते हुए कहा, “यह दिन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि महिला शक्ति को पहचानने और उसे आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का अवसर है।” उन्होंने ‘चरखा’ पहल की तारीफ करते हुए उम्मीद जताई कि इन कारीगरों के हाथों से बने हथकरघा उत्पाद जल्द ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बनाएंगे।
महिला हुनर को सम्मान
इस मौके पर चरखा समूह से जुड़ी महिलाओं को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया:
- तेज राम – बेस्ट मास्टर ट्रेनर
- प्रवीण कुमारी – श्रेष्ठ ट्रेनी
- मान देवी – शोंग में सर्वश्रेष्ठ कारीगर
- मायावती – शोंग में सर्वश्रेष्ठ योगदानकर्ता और प्रेरक
- प्रेम लता – निचार में सर्वश्रेष्ठ कारीगर
- सुरेखा – निचार में सर्वश्रेष्ठ योगदानकर्ता और प्रेरक
- आशा कुमारी – सबसे उत्पादक कारीगर
- कोयल भंडारी – सर्वश्रेष्ठ बिक्री कारीगर
- यशोधा – “चारखा क्वीन” का खिताब
सशक्तिकरण की नई राह
जेएसडब्ल्यू परियोजना प्रमुख कौशिक मौलिक ने कहा कि कंपनी महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी और उनके हुनर को एक नई पहचान देगी।
इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि किन्नौर की महिलाएँ केवल घर तक सीमित नहीं, बल्कि हुनर और मेहनत के दम पर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। चरखा पहल के तहत उनके हाथों से बुने वस्त्र और उत्पाद न केवल स्थानीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना सकते हैं।
यह कार्यक्रम एक संदेश देता है कि जब महिलाओं को अवसर और सही मंच मिले, तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं।