रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी।
बुशहर दुग्ध उत्पादक यूनियन ने की रामपुर में पत्रकार वार्ता । कहा हिमालय क्षेत्र में जंगली जड़ी बूटियां को खाकर दूध देने वाली गयो के दूध का मूल्य होना चाहिए अधिक। उन्होंने कहा दूध एकत्रीकरण में लगी संस्थाएं दुग्ध उत्पादकों को समय पर नहीं कर रहे है भुगतान। उन्होंने मिल्क फैड को सीधे दुग्ध उत्पादकों के खाते धान लगाने की की उठाई मांग। उन्होंने गऊओ के उपचार और दूध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जवाबदेही व्यवस्था करने की भी सरकार से उठाई है मांग।
बुशहर दुग्ध उत्पादक यूनियन संबंधित इंटक ने रामपुर में पत्रकार वार्ता कर दुग्ध उत्पादकों को आ रही समस्याओं को सामने रखा । उन्होंने बताया कि ऊपरी क्षेत्र में दुग्ध एकत्रीकरण के लिए बनाई गई सोसाइटीज दुग्ध उत्पादकों को दूध के दाम दूध की गुणवता के आधार पर नहीं दे रही है। बुशहर दुग्ध उत्पादक यूनियन के प्रधान एवं इंटक के प्रदेश उपाध्यक्ष बिहार सेवगी ने वार्ता में बताया कि सरकार ने दूध की दरें बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास किया हैं। लेकिन दूध उत्पादकों को समय पर और सही दूध के दाम नहीं उपलब्ध हो रहे हैं । उन्होंने बताया कि मिल्क फैड दूध की दरें पांच फीसदी सोसाइटीज का कमीशन काट कर सीधे दैनिक आधार पर दुग्ध उत्पादकों के खाते में डालें। उन्होंने मांग उठाई सरकारी स्तर पर प्रयास हो की दुधारू पशुओं की बीमारी एवं दूध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं । उन्होंने बताया कि हिमालय क्षेत्र में गाय जंगलों में जड़ी बूटियां को खाकर उच्च गुणवत्ता का दूध देती है लेकिन दरें उन्हें उचित नहीं मिलती। इसलिए ऐसे दूध की दरें अधिक होनी चाहिए, जो पोस्टिक एवं औषधिय गुना से युक्त हो। उन्होंने बताया कि नवंबर माह में दुग्ध उत्पादकों का एक बड़ा सम्मेलन रामपुर में किया जाएगा ,जिसमें सरकार के प्रतिनिधि को आमंत्रित कर वस्तु स्थिति को सामने रखा जाएगा।
बिहार सेवगी ने बताया कि आज तक दूध उत्पादकों की आवाज उठाने में कोई सक्षम संगठन रामपुर में नहीं था। वर्तमान में सोसाइटीज के भी माध्यम से मिल्क फैड को जो दूध दिया जा रहा है उसमें कई तरह के गतिरोध है । इस मामले को सरकार से उठाया जाना जरूरी है।