दिल्ली। न्यूज व्यूज पोस्ट /इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की साइबर सुरक्षित भारत पहल की संकल्पना साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने और बढ़ते खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी विभागों में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (सीआईएसओ) और फ्रंटलाइन आईटी अधिकारियों की क्षमता बनाने के मिशन के साथ की गई थी। अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे की रक्षा करने और साइबर हमलों से निपटने और भविष्य के लिए तैयार होने के लिए संगठनों को इसकी आवश्यकता है।
राष्ट्रीय ई-अभिशासन प्रभाग (एनईजीडी) ने अपनी क्षमता निर्माण योजना के तहत 4-8 दिसंबर 2023 तक दिल्ली, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली में बिहार, हिमाचल प्रदेश, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और नए राज्यों के 31 प्रतिभागियों के साथ 40वें सीआईएसओ डीप-डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस कृष्णन, आईआईपीए के महानिदेशक श्री एस एन त्रिपाठी और एमईआईटीवाई, एनईजीडी तथा आईआईपीए के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बढ़ते साइबर हमलों के वर्तमान परिदृश्य में साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए, श्री एस कृष्णन ने डिजिटल युग में कमजोरियों पर प्रकाश डाला और किसी भी संगठन में, विशेष रूप से सूचना सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा रणनीतियों को व्यवस्थित करने में सीआईएसओ अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने तकनीकी प्रगति में आगे रहने में सीआईएसओ की अपरिहार्य भूमिका का उल्लेख किया और सीआईएसओ अधिकारियों को अपने संगठनों के साइबर सुरक्षा प्रयासों का समर्थन करते हुए नवीन और भविष्यवादी सोच के लिए प्रोत्साहित किया। अपने संबोधन में, उन्होंने 5जी और 6जी जैसी उदीयमान प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में दूरसंचार विभाग की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।