रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी
–अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं हिमाचल कांग्रेस
केवरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि ठाकुर ने सरकार द्धारा समदो – काज़ा – ग्राम्फू
सड़क की दशा न सुधारने पर जताई चिंता। उन्होंने लगाया आरोप केंद्र से 200
करोड़ रुपए जारी होने के बाद भी हिमाचल सरकार नहीं करा पा रही है
एफसीए क्लीरियंस। इससे पर्यटन व्यवसाय व स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़
रहा है प्रतिकूल असर।
Forअनुसूचित जन जाति आयोग भारत सरकार के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान
में हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि ठाकुर ने बताया कि तिब्बत
सीमा क्षेत्र की समदो – काजा -ग्राम्फू सड़क तिब्बत सीमांत क्षेत्र के
लोगो की भाग्य रेखा है। लेकिन वर्तमान प्रदेश सर्कार इस सड़क की दशा
सुधारने में नाकामयाब रही है। उन्होंने बताया इस सड़क को चौड़ा करने के
लिए केंद्र से दो सौ करोड़ रूपये भी जारी हुए है, लेकिन स्थानीय
जनप्रतिनिधि और सरकार की उदासीनता के कारण इस सड़क की फारेस्ट कंसर्वेशन
एक्ट के तहत क्लीरियंस अब तक नहीं कराई है। उन्होंने बताया कि सड़क की
दशा ठीक ना होने से जहाँ पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो रहा है वही
सीमांत क्षेत्र के किसानों और आम लोगो को भी मुश्किलों का सामना करना
पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार इस सीमांत सड़क को शीघ्र ठीक
करने की बजाए सड़क को सीमा सड़क संगठन से लोक निर्माण विभाग को सौपने की
कोशिश कर ही है। जबकि सीमांत सड़कों का निर्माण एवं रखरखाव सीमा सड़क
संगठन के हवाले किया जाता है ताकि सेवाएं जवाब देही रहे। उन्होंने
संबंधित क्षेत्र के विधायक एवं वर्तमान मंत्री पर भी उदासीनता बरतने का
आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि काजा क्षेत्र के कई गांव तक
बिना एफसीए क्लीरियन्स के तीन तीन सड़के बनाई गई है। वे सरकार के ध्यान
में भी यह बात लाना चाहते हैकि इस में क्यों रूचि दिखाई जा रही है इस की
जाँच हो। उन्होंने बताया कि जब इस क्षेत्र के लिए सड़क नहीं थी और यह
क्षेत्र महा पंजाब का हिस्सा था । तत्कालीन समय में एमएलए के स्थान पर
प्रताप सिंह कैरो की केबिनेट में ट्राइवल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य
उनके स्वर्गीय पिता निहालचंद ठाकुर थे। उनका सपना था कि इस क्षेत्र को
सड़क से जोड़ा जाए। उसके बाद उनकी स्वर्गीय माता लता ठाकुर विधायक
बनी। उन्होंने इंदिरा गांधी , डिफेंस और जगजीवन राम से मिलकर इस क्षेत्र
के लिए सड़क बनवाया। रवि ठाकुर ने बताया बताया कि इस सड़क के निर्माण
से क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे , सीमांत क्षेत्र के लोगो
का जीवनस्तर ऊँचा होगा। लेकिन जो पर्यटन को गति मिलनी चाहिए वह सड़कों
की दुर्दशा के कारण नहीं मिल रही है।