रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट।स्वास्थ्य की चुनौतियां और भारतीय जीवन शैली” विषय पर आरोग्य भारती द्वारा प्रबुद्ध जन संगोष्ठी का क्या आयोजन इस अवसर पर मुख्य वक्ता थे राजस्थान एवं उत्तर भारत भारत संयोजक संजीवन। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि ने वर्तमान में लोगों की जीवन शैली में लगातार हो रहे बदलाव और उस से होने वाली बीमारियां पर डाला प्रकाश। इस दौरान उन्होंने जीवन शैली सुधार के लिए परस्पर विरुद्ध आहार और अपनी दिनचर्या में सुधार के दिए टिप्स , स्वास्थ्य की चुनौतियां और भारतीय जीवन शैली विषय” को ले कर आरएसएस के संपर्क विभाग द्वारा रामपुर में मंगलवार शाम प्रबुद्ध जन संगोष्ठी का आयोजन किया । इस संगोष्ठी में आरएसएस के पूर्व में रहे हिमाचल प्रांत के प्रांत प्रचारक एवं वर्तमान में आरोग्य भारती के राजस्थान एवं उत्तर क्षेत्र संयोजक एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य संजीवन मुख्य वक्ता रहे। उनके साथ आरोग्य भारती के प्रांत उपाध्यक्ष डॉक्टर हेमराज भी उपस्थित रहे। इस संगोष्ठी में मुख्यातिथि के रूप में डॉक्टर ज्योत्सना शर्मा उपस्थित रही।।
प्रबुद्ध जन संगोष्ठी में मुख्य वक्ता ने वर्तमान में लोगों की जीवन शैली में लगातार हो रहे बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा । जीवन शैली में बदलाव के कारण बीमारियां पैदा हो रही है।
उन्होंने जीवन शैली और दिनचर्या में सुधार करने बारे लोगो को प्रेरित किया । उन्होंने कहा परस्पर विरुद्ध आहार और अपनी दिनचर्या में सुधार जरूरी है । बीमार होने पर भारतीय चिकित्सा पद्धति से इलाज करना और स्वच्छता एवं पर्यावरण सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। ताकि आने वाली पीढ़ियों तक ये जानकारियां पहुंचाने में मदद मिल सके।।
मुख्यातिथि ने भी अपने आयुर्वेद एवं योग के बारे जानकारी दी।।संगोष्ठी में रामपुर के विभाग प्रचारक शिव कुमार, जिला प्रचारक पवन कुमार, जिला संघ चालक प्रोफेसर अनिल वर्मा, विभाग संपर्क प्रमुख जीव राम रोष्टा, ज़िला सम्पर्क प्रमुख एडवोकेट विनय शर्मा, रामपुर जिला कार्यवाह रविकांत शर्मा, नगर संघ चालक रोशन चौधरी, नगर कार्यवाह करण पाल, मोंटी लिहांटू एवं रामपुर में कार्यरत सभी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।।आरोग्य भारती के राजस्थान एवं उत्तर क्षेत्र संयोजक संजीवन ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई नवीनतम मशीनें एवं तकनीक आए है मनुष्य की बीमारियों को जल पकड़ते है बावजूद इस के देश के सरकारी एवं निजी हॉस्पिटलों के आगे मरीजों की कतारें लगातार लगी होती है। इसका कारण क्या है। आरोग्य भारती का प्रयास है कि जीवन शैली और खान-पान में हो रहे तेजी से बदलाव को रोक कर पुरानी पद्धति को बढ़ावा दे । आज लोग मशीनी युग के चलते श्रम को छोड़ गए हैं और खान-पान में भी बदलाव आया है । जो रोग को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने बताया कि आरोग्य भारती वर्ष 2002 में कोच्चि में शुरू हुई थी। इसे चिकित्सकों व स्वास्थ्य प्रेमी बंधुओ ने शुरू किया था। आज देश के 90% जिलों में आरोग्य भारती का काम चल रहा है।