रामपुर बुशहर –विशेषर नेगी ——-केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशन के आह्वान पर शिमला
जिला के रामपुर में किसानो, मजदूरो व कर्मचारियों ने निकाली रैली ।
एसडीएम कार्यालय के बाहर किया धरना प्रदर्शन। प्रदर्शनकारियों की थी मांग
श्रम कानूनों को सख्ती से किया जाए लागू। ठेका प्रथा खत्म करने व
सार्वजनिक उपक्रमो में विनिवेश व निजीकरण बन्द करने की उठाई मांग।-केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशन के आह्वान पर
मज़दूर , किसानों व कर्मचारियों ने रामपुर बाजार में रैली निकाली और उसके
बाद एसडीएम ऑफिस के सामने नारेबाजी व् प्रदर्शन किया। हाथो में स्लोगन
लिखी पटिकाये लिए आंदोलनकारियों ने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश और
निजीकरण को बंद करने , ठेका प्रथा बंद करने की मांग उठाई। इस दौरान सीटू
के राज्य उपाध्यक्ष बिहारी सेवगी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए
कहा, केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ आज किसान मजदूर व आम आदमी
सड़कों पर उतरा है। उन्होंने कहा श्रम कानूनों में बदलाव उचित नहीं,
इससे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इसी तरह बारहमासी काम में स्थाई नियुक्ति
की व्यवस्था हो। मजदूरों का मासिक वेतन ₹26000 रूपये हो। सार्वजनिक
उपक्रमों के विनिवेश व निजी करण पर प्रतिबंध हो। बिजली परियोजनाओं को
निजी हाथों में देने का प्रयास अनुचित है. ठेका प्रथा खत्म किया जाए और
सरकार महंगाई पर रोक लगाए सब को पेंशन व ग्रेच्युटी की सुविधा हो।-बिहारी सेवगी सीटू राज्य उपाध्यक्ष ने बताया सरकार उद्योगपतियों
को लाभ पहुंचने के लिए श्रमकानूनों में बदलाव कर रही है। इस से
कामगारों की रोजी खतरे में होगी। सरकारी लाभ वाली सार्वजनिक उपक्रमों
के विनिवेश और निजीकरण की साजिश उचित नहीं।-किसान नेता प्रेम चौहान ने बताया तीन कानूनों को वापी लेने के बाद
सरकार ने बैठक नहीं बुलाई है। किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना
चाहिए। सेब बहुल क्षेत्र के किसानो को न तो सेब के दाम अच्छे मिल रहे और
न ही दूध के दाम।-मज़दूर नेता नरेंद्र देष्टा ने बताया बिजली परियोजनाओं में जो
आउटसोर्स कर्मी रखे है , बारहमासी काम होने के कारण उन्हें स्थाई रोजगार
दिया जाये। मज़दूरों को समान काम काम समान वेतन मिले।
