रामपुर बुशहर –विशेषर नेगी ———–
. राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर ने कहा यौन उत्पीड़न
;रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम के बारे में महिलाओ को जागरूक करने की
है प्रदेश में जरूरत। अधिकतर विभागों में कमेटियों का ही नहीं हुआ है
गठन। जहाँ कमेटियां बनी है वे जागरूकता की कमी से है निष्क्रिय। महिला
आयोग इस अधिनियम के तहत महिलाओ में जागरकता लाने व प्रभावी बनाने के लिए
सभी जिलाधीशों को लिखा जाएगा पत्र।
..हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सरकारी एवं गैरसरकारी विभागों एवं
कार्यालयों में कार्यरत महिलाओ को यौन उत्पीड़न ;रोकथाम निषेध और
निवारण अधिनियम की जानकारी देने के लिए राज्य महिला आयोग सक्रिय हुआ
है। ताकि कामकाजी महिलाएं बिना द्वाव व् भय के स्वछंद हो कर कार्यस्थल
सेवाएं दे सके। इस बात की जानकारी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डेजी
ठाकुर ने रामपुर में विभिन्न विभागों में कार्यरत महिलाओ को एक कार्यशाला
के दौरान दी। उन्होंने कहा अब तक जो उन्हें फीडबैक मिला है उस से पता चला
हैकि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न ;रोकथामए निषेध और निवारणद्ध
अधिनियम 2013 की अधिकतर महिलाओ को जानकारी ही नहीं । कई विभागों में
ऐसे कृत्यों की रोकथाम के लिए इंटरनल कमेटियां तो औपचारिकता के लिए बनी
है निष्क्रिय है। दूरदराज तक की महिलाओ को इस अधिनियम की जानकारी के
साथ कमेटियां क्रियाशील रहे एइसे ले कर प्रदेश के सभी जिलाधीशों को
राज्य महिला आयोग पत्र लिखेगा।
…राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर में बताया कि एक
महत्वपूर्ण अधिनियम पर रामपुर में शिविर लगाया गया। कार्यस्थल पर
महिलाओ का यौन उत्पीड़न न हो इस लिए महिलाओ को सजग किया जा रहा है। शिविर
में विभिन्न विभागों से आई महिलाओ को यौन उत्पीड़न ;रोकथामए निषेध और
निवारणद्ध अधिनियम की जानकारी दी गई । उन्हें यह भी बताया गया की
विभिन्न सरकारी व अन्य क्षेत्रों में एक इंटरनल कमेटी बनती है। यदि
किसी महिला के साथ कार्य स्थल पर किसी भी प्रकार की प्रताड़ना हो रही हैए
तो इस एक्ट के तहत शिकायत इंटरनल कमेटी से कर सकती है।