पानीपत। न्यूज़ व्यूज पोस्ट–
रूस और यूक्रेन के युद्ध के बाद भारतीय छात्र सरकार के प्रयासों से वापिस स्वदेश पहुंच रहे है। हालांकि यूक्रेन से भारत पहुचने का सफर डॉक्टरी की सस्ती पढ़ाई करने गए छात्रों के लिए मौत से लड़ कर वापिस आना रहा। इसी तरह हरियाणा पानीपत शांति नगर की रहने वाली अदिति भी खुशकिस्मत निकली जो गोलाबारी के दौरान 7 दिन बंकरों में गुजरने के बाद बच कर भारत पहुंची है। आदित्य के माता पिता का सपना था कि उनकी बेटी भी डॉक्टर बने ।इसलिए उन्होंने अपने परिवार वालों से पैसे इकट्ठे कर अदिति को यूक्रेन खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए भेजा । अभी वह एमबीबीएस के पहले साल की ही शिक्षा ले रही थी कि बच्चों को रूस और यूक्रेन का युद्ध का सामना करना पड़ा । खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में 7 दिन बंकरो में बमबारी के बीच में रहने के बाद आदिति अपने घर सुरक्षित पहुंची।
अदिति के घर पहुंचने पर परिजनों व रिश्तेदारों ने फूल मालाओं की बारिश कर जोरदार स्वागत किया। आदित्य के अनुसार खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गई थी । युद्ध के दौरान उन्हें बंकरो में शिफ्ट कर दिया गया था , 7 दिन के बाद बमबारी व गोलाबारी अधिक होने लगी थी।उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर हमें वहां से निकाला गया ।क्योंकि वह जगह सुरक्षित नहीं थी । आदित्य ने बताया कि वहां से सब बच्चों को मेट्रो में ले जाकर शेल्टर में रखा गया ।
शेल्टर से बसों के द्वारा ट्रेन की जगह ले जाया गया जहां केवल ट्रेन में यूक्रेन के स्थानीय निवासियों को ही जाने दिया जा रहा था ।भारतीयों को ट्रेन में बैठने की अनुमति नहीं थी ।उन्होंने बताया कि उसके बाद वे रोमानिया बॉर्डर पहुंचे। जहां पर सरकार ने अच्छा स्वागत किया गया ।
खारकीव में पहले बमबारी कम हो रही थी ।लेकिन जब हालात बिगड़े तो अधिक बमबारी होने के कारण वहां से बाहर निकाला गया। अदिति ने बताया कि बंकरो में रहने से कुछ पता नहीं चल रहा था लेकिन बाहर निकलने के बाद आसपास की इमारतें बमबारी से गिर रही थी । बमबारी के दौरान डर बहुत लग रहा था ।उन्होंने बताया कि परिजनों से फोन पर बात नहीं हो रही थी कि केवल संदेशों का आदान प्रदान हो रहा था।
उन्होंने बताया कि 600 से 700 छात्र थे। लेकिन निजी फ्लाइट से वे लगभग 90 बच्चे भारत पहुंचे हैं। छात्रा ने बताया कि बॉर्डर क्रॉस करने के बाद खाने पीने की हर वस्तु उपलब्ध करवाई गई थी ।