रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी भारत तिब्बत व्यापारिक संबंधों का प्रतीक अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला आज से विधिवत शुरू। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया इसका विधि उद्घाटन। उन्होंने कहा मेले और त्योहार भारतीय समृद्ध संस्कृति के है प्रतीक। ऐसे आयोजनों से आपसी व्यापार को भी मिलता है बढ़ावा ।

भारत तिब्बत व्यापारिक संबंधों का प्रतीक अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला आज से विधिवत शुरू। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया इसका विधि उद्घाटन। उन्होंने कहा मेले और त्योहार भारतीय समृद्ध संस्कृति के है प्रतीक। ऐसे आयोजनों से आपसी व्यापार को भी मिलता है बढ़ावा ।

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर बुशहर में मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय लवी मेला आज से विधिवत शुरू हो गया है। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने रामपुर के पाट बांग्ला मैदान मंच से इस का विधिवत शुभारंभ किया । अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला आधिकारिक रूप से 11 से 14 नवंबर तक मनाया जाता है । यह मेला उत्तरी भारत के प्रमुख व्यापारिक मेलों में शुमार है। भारत तिब्बत व्यापारिक संबंधों के प्रतीक इस मेले को पिछले 400 वर्षों से मनाया जा रहा है। उदघाटन अवसर पर हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा, मेले और त्योहार भारतीय समृद्ध संस्कृति को दर्शाते हैं। इससे जहां आपसी भाईचारा बढ़ता है, वहीं व्यापारिक आदान प्रदान भी होता है।उन्होंने कहा यहां पर आयोजित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भी लोगों को पहाड़ी संस्कृति को नजदीक से जानने का मौका मिलता है। उन्होंने बताया कि बुशहर रियासत काल में बुशहर और तिब्बत के राजा के मध्य करीब 400 वर्ष पूर्व व्यापारिक संधि हुई थी । उसके बाद या मेल लगातार जारी है और सबसे बड़ी बात यह है कि इस मेले का शुभारंभ तब से ले कर अब तक 11 नवंबर को ही होता है। उन्होंने बताया कि इस मेले की शोभा एवं भव्यता को बनाए रखने के लिए सरकारी तंत्र भी लगातार प्रयासरत है। राज्यपाल प्रताप शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई विकासात्मक प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया
। उन्होंने स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनियों की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित करने का आह्वान किया
इस दौरान रामपुर के विधायक नंदलाल और जिलाधीश शिमला आदित्य नेगी ने भी अंतरराष्ट्रीय लवी मेले से संबंधित जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान सूखे मेवे , ऊनी वस्त्र व अन्य स्थानीय उत्पादों को यहां विक्रय के लिए लाया जाता है। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से यहां व्यापारी आते हैं । उन्होंने बताया कि इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि रामपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ने इसको अंतरराष्ट्रीय रूप दिया है। करीब 400 वर्ष पूर्व बुशहर के राजा व तिब्बत के राजा के मध्य व्यापारिक संधि हुई थी और उसके बाद यह मेला निरंतर जारी है। इससे मेले से लोगों को निश्चित रूप में लाभ होता है ।
किन्नरी उत्पादों को बेचने आए चंद्र सिंह ने बताया कि यह मेल 11 से 14 नवंबर तक चलता है। लोगो स्थानीय उत्पादों को ले कर काफी किन्नौर से यहां आए है। रामपुर का लवी मेला व्यापारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। मेले में सूखे मेवे पट्टी, पट्टू, बादाम, खुमानी, टोपी शाले आदि बिकती है। किन्नौर से आए धरमलाल नेगी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले में आए हैं। किन्नौर से वे समान ले कर आए है।