रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी — – हिमाचल के कालेज शिक्षक सातवे वेतन आयोग की शिफारिशें लागू
करने की मांग को ले कर कर रहे है प्रदर्शन। कालेज शिक्षकों का तर्क
हिमाचल राज्य चाहे रूसा प्रणाली को लागू करने या फिर नई शिक्षा नीति
अपनाने की पहल में है सब से आगे। लेकिन सातवे वेतना आयोग के वेतनमानों
को लागु करने में हिमाचल है 27 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशो में
है सब से नीचे नीचे। कालेज शिक्षकों ने दी चेतावनी 7 पे कमीशन की
सिफारिशें लागू नहीं हुई तो शिक्षक करेंगे हिमाचल सचिवालय की ओर कूच।–हिमाचल प्रदेश के कालेजों के शिक्षक सातवें वेतन आयोग के
वेतनमान को लागू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
रामपुर महाविद्यालय के शिक्षकों ने भी नारेबाजी और प्रदर्शन कर अपना
विरोध जारी रखा है। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र
में हमेशा से अब्बल रहा है और शिक्षा से संबंधित नीतियों को भी अपनाने
में हिमाचल अगली पंक्ति में है। कालेज शिक्षकों का कहना था शिक्षकों ने
जायज मांगो को सरकार से कई बार मामला उठाया था। लेकिन अब तक उन की मांग
को अनसुना कर दिया गया है। अब शिक्षको के सब्र का बांध टूटने लगा है।
अगला कदम गंभीर होगा तथा कालेज शिक्षक हिमाचल सचिवालय की ओर कूच
करेंगे।डॉ आशा गर्ग ने बताया- हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा से अब्बल रहा है और
शिक्षा से संबंधित नीतियों को भी अपनाने में सब से आगे रहा है। चाहे
वह रूसा पद्द्ति अपनाने की बात हो या फिर नई शिक्षा नीति ,हिमाचल ने पहल
की है ,लेकिन जब यूजीसी स्केल की बात आती है तो हिमाचल का नाम सबसे निचले
पायदान पर आता है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों के शिक्षक
प्रदर्शन के लिए मजबूर हुए है। उन्होंने कहा कि कालेज शिक्षकों की
भर्तियां , नियुक्तियां एवं पदोन्नति में पूरे यूजीसी के नियम लागू होते
है। लेकिन जब वित्तीय लाभों की बारी आती है चाहे वह एमफिल हो या पीएचडी
इंक्रीमेंट नहीं लगती। ऐसे फैसलों से शिक्षकों का मनोबल गिरने लगा है
और यही हाल रहा तो इसका निसंदेह प्रभाव भी छात्रों पर पड़ेगा और इस
पेशे में आने से भी लोग कतराने लगेंगे। इसलिए सरकार शिक्षकों की अनदेखी
न करे।-डॉ अजेंद्र नेगी ने बताया कालेज शिक्षक बताया कि कॉलेज शिक्षकों ने कई बार सरकार को
अपनी मांग रखी है। जिसमें सातवें वेतन आयोग के वेतन को लागू करना। इसके
अलावा डीपीसी का मुद्दा और एमफिल व पीएचडी धारकों को इंक्रीमेंट दने की
बात थी। उन्हें उम्मीद थी कि हिमाचल कैबिनेट की बैठक में कॉलेज शिक्षकों
की समस्या सुलझ जाएगी। लेकिन उनकी मांगों को सरकार ने अनदेखी व अनसुना
कर दिया है। उन्होंने बताया कि अभी पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके
से शिक्षक प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 23 राज्य
व 9 केंद्र शासित प्रदेशो में सातवे वेतन आयोग काफी पहले ही
सिफारिशें लागू कर दी है। हिमाचल ही केवल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां
सातवां वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन नहीं दे रही। उन्होंने कहा
कि अभी तो पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा है
लेकिन वे सरकार को भी बताना चाहते हैं कि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया
