रामपुर बुशहर। न्यूज़ व्यूज पोस्ट—हिमाचल प्रदेश सरकार और परिवहन विभाग द्वारा स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जिसके तहत स्कूलों बसों की
जांच भी की जा रही है। उपमंडलाधिकारी रामपुर सुरेंद्र मोहन ने शनिवार को रामपुर और आस पास के सभी स्कूल प्रबंधकों को बसों की जांच के लिए शिंगला
बुलाया था। जिसमें से भी तीन ही स्कूलों की बसें मौके पर पहुंंची और उनमें भी कई कमियां पाई गई। जिन्हें दो दिनों में दूर कर रिपोर्ट करनेे के निर्देश
दिए गए हैं। साथ उन्होंने यह भी कहा कि जो बसें मौके पर नहीं पहुंची थी, यदि उनमें कोई हादसा होता है तो उनकी सारी जिम्मेवारी स्कूल प्रबंधन की
होगी और इसकी सूचि तैयार रामपुर पुलिस को सौंप दी जाएगी और सोमवार से ऐसी बसों के चलने पर प्रतिबंध रहेगा।
इस बात की जानकारी देते हुए एसडीएम सुरेंद्र मोहन ने बताया कि जो बसें मौके पर पहुंची थी, उनमें कैमरा, जीपीएस, पेनिक सिस्टम, स्पीड ग्वरनर
और हेल्प लाईन नंबर तो लगे हैं, लेकिन कोई यह भी पता पाया कि जो सुरक्षा सिस्टम बसों में लगें हैं वे किस तरह से काम करते हैं या फिर कर भी
रहे हैं कि नहीं, उसकी जानकारी देने में पूरी तरह से असफल रहे। जिसके संबंध में उन्हें दो दिनों के भीतर सिस्टम को दुरूस्त कर रिपोर्ट देने को कहा
है। उन्होंने यह भी कहा कि रामपुर, नोगली, झाकड़ी और दत्तनगर के स्कूल प्रबंधकों को समय पर बसों का निरीक्षण करने की सूचना दे दी गई थी।
जिसके बावजूद भी अधिकतर स्कूलों ने अपनी बसें जांच के लिए नहीं भेजी, जिससे साफ है कि सभी सरकार द्वारा तय किए नियमों को पूरा नहीं कर
पा रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो बसें जांच के लिए नहीं पहुंची थी, यदि उनसे कोई हादसा होता है तो उसकी सारी जिम्मेवारी स्कूल प्रबंधन
की होगी और ऐसी बसों की सूची पुलिस को दे दी जाएगी।उन्होंने कहा कि अभिभावकों की ओर से भी लगातार शिकायतें आ रही थी कि स्कूल प्रब
ंधन बसों में बच्चों को सुविधाएं नहीं दे रहे हैं और अपनी मनमानी से नियमों को ताक पर रख कर बसों को चला रहे हैं। जबकि प्रदेश सरकार और
परिवहन विभाग छात्रों की सुरक्षा को लेकर सख्त हो चुका है जो कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर है।
