रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी —
-सीटू संगठन के बैनर तले एसजेवीएन की तीन जल विद्युत परियोजनाओं
के सैकड़ो मज़दूरों ने किया आज धरना प्रदर्शन। तीनो परियोजनाओं में आवश्यक
सेवाएं भी मज़दूरों के हड़ताल से हुई बाधित। मजदूरों काआरोप एसजेवीएनएल
की परियोजनाओं में श्रम कानूनों का हो रह है उलंघन। समान काम के समान
वेतन को लेकर के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की भी हो रही है अवहेलना।
मजदूरों ने दी चेतावनी ,परियोजना निर्माता वार्ता के लिए आगे नहीं आते
हैं तो आंदोलन को किया जाएगा और उग्र।– हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला के नाथपा से ले कर शिमला जिला
के लुहरी तक सीटू संगठन के बैनर तले एसजेवीएन की तीन जल विद्युत
परियोजनाओं में कार्यरत ठेका मज़दूरों ने आज हड़ताल रखी इस दौरान तीनो
परियोजनाओं में आवश्यक सेवाएं भी मज़दूरों के हड़ताल से बाधित हुई।
सैकड़ो मजदूरों ने आज अपने-अपने परियोजना मुख्यालय के आगे धरना प्रदर्शन
किया और कहा मांगे नहीं मानी जाती है तो आंदोलन और उग्र होगा। मजदूर
का आरोप था कि भारत सरकार एवं हिमाचल सरकार के संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन
की जलविद्युत परियोजनाए उच्चतम न्यायालय के समान काम का समान वेतन को
भी लागू नहीं कर रही है। इसी तहर ठेका मज़दूरों से भी सौतेला व्यवहार हो
रहा है। जिस तरह हिमपिस्को के ठेके के कर्मियों को वेतन और अन्य भत्ते
दिए जा रहे है उसी तरह अन्य ठेका मज़दूरों को भी दिया जाए। उन्होंने कहा
मजदूरों की मुख्य मांगों में वेतन बढ़ोतरी, वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता,
यात्रा भत्ता आदि प्रमुख है।
उन्होंने कहा इन परियोजनाओं में मज़दूर पंद्रह से बीस वर्षो से काम कर
रहे है, लेकिन उन्हें पदोन्ति नहीं दी जा रही। जबकि उन से काम स्किल
वर्कर का लिया जा रहा है और वेतन अनसिकल का मिल रहा है। उन्होंने कहा
मज़बूरन 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी ,412 मेगावाट की रामपुर परियोजना व
210 मेगावाट की निर्माणाधीन लुहरी परियोजना के मजदूरों ने इसी विरोध
में 24 घंटे के लिए धरना प्रदर्शन शुरू किया है। इस दौरान परियोजना
क्षेत्र की सभी आवश्यक सेवाएं भी मजदूरों की अनुपस्थिति से प्रभावित हुई
है।
-रामपुर जल विद्युत परियोजना में कार्यरत शीला देवी ने बताया
डिमांड चार्ट देकर के चार महीने हो गए, लेकिन परियोजना प्रबंधक उनकी
फरियाद नहीं सुन रहे हैं। तो इसलिए आज हड़ताल पर उतर आए। उनकी जमीन भी
परियोजना में गई है ,आज उन्हें यह देखना दिन देखना पड़ रहा है।
–रामपुर परियोजना में कार्यरत सीता देवी ने बताया कि नाथपा से ले
कर लुहरी तक के ठेका मज़दूरों ने आज हड़ताल किया है। चार महीना से हमारी
मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया ,उन्हें अपने हक नहीं दिए जा रहे है।
जबकि उन्होंने परियोजना निर्माण में जमीन में दी है। विजेंद्र मेहरा सीटू के राज्य अध्यक्ष ने बताया कि सीटू जिला
शिमला के आह्वान पर किन्नौर के नाथपा- झाकरी ,रामपुर व लुहरी जल
विद्युत परियोजना के सैकड़ो मजदूर आज हड़ताल पर उतर गए हैं। इन जल
विद्युत परियोजनाओं में श्रम कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। मज़दूरों
के द्वारा पिछले चार महीना पहले मांग पत्र दिया गया था। लेकिन
मजदूरों की समस्याओं को हल करने के लिए कोई सकारात्मक कोशिश नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि एक ही परियोजना के भीतर ठेका मजदूरों को एक मजदूर को ₹20
हजार और दूसरे को 13 हजार और पक्के कर्मचारी को ₹50 हजार वेतन देते
हैं। जबकि उत्तम न्यायालय के निर्देश है कि समान काम का समान वेतन हो।
इतना ही नहीं परियोजनाओं में काम करते मज़दूरों को 15 से बीस वर्ष हुए है
कोई पदोन्ति नहीं ,बल्कि काम स्किल वर्कर का और वेतन अनस्किल का दिया जा
रहा है।
नील दत्त मज़दूर नेता ने बताया आज परियोजनाओं में कोई भी मजबूत
काम नहीं कर रहा है। इन तीनो परियोजनाओं में करीब 15 सौ मज़दूर है जो
सभी हड़ताल पर है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उनकी मांगे नहीं
मानी गई तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा।