मंडी, 28 जुलाई । न्यूज़ व्यूज पोस्ट—भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्टेशन में दो वर्षीय मास्टर प्रोग्राम शुरू कर रहा है। इस कोर्स का पहला बैच अगस्त 2022 से शुरू होगा। इसका संचालन आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (एससीईई) और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग (एसई) मिल कर करेंगे।
भारत में परिवहन व्यवस्था इलैक्ट्रिफिकेशन के दौर में है। इसलिए आने वाले समय के पावर सिस्टम में कन्वर्टेबल रिन्युऐबल ऊर्जा स्रोतों के उपयोग का अनुकूलन करना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए भारत में बिजली की मांग बढ़ रही है। इसका व्यावहारिक और किफायती समाधान रिन्युएबल एनर्जी है जिसमें ग्रिड में भेजी गई सौर और पवन ऊर्जा शामिल हैं। इन चुनौतियों ने भारत और पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर के नए द्वार खोले हैं। प्रोग्राम की अहमियत बताते हुए आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष डॉ. समर और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. नरसा रेड्डी तुम्मुरु ने कहा, “इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्टेशन में एम.टेक इलेक्ट्रिक परिवहन उद्योग में कुशल कर्मियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार की पहल को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है। इसका लाभ नए और मौजूदा दोनों उद्यमियों को मिलेगा।’’इस के प्रमुख उद्देश्यों में विद्यार्थियों को इलैक्ट्रिक परिवहन उद्योग का कांसेप्ट और व्यावहारिक ज्ञान दोनों प्रदान करना
विद्यार्थियों को इलैक्ट्रिक परिवहन के अत्याधुनिक शोध का अनुभव देना जो विभिन्न कोर्स प्रोजेक्ट, सिस्टम डिजाइन (जाड़े/गर्मी के छोटे प्रोजेक्ट) और डिसर्टेशन के माध्यम से दिया जाएगा।
ईवी उद्योग में उनकी रोजगार योग्यता बढ़ाना जिसके लिए उन्हें पूरे साल के डिसर्टेशन में इस उद्योग में आने वाली चुनौतियों का हल करने का अवसर दिया जाएगा।
कोर्स डिज़ाइन करने में देश के पर्यावरण को स्वच्छ और स्थिर रखने का विशेष ध्यान रखते हुए भारत में इलैक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने का लक्ष्य है। भारत सरकार पहले ही हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (फेम) जैसी योजनाएं लागू कर चुकी है और यह तत्परता से संबंधित उद्योगों और शिक्षाविदों से सहयोग करार करने को इच्छुक है।
इसलिए इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्टेशन में एम.टेक और कौशल विकास के अन्य प्रोग्राम शुरू करना पूरे देश के छात्रों और प्रोफेशनलों को इलेक्ट्रिक परिवहन का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने के विकल्पों में से एक है जिनका क्रियान्वयन किया जा सकता है।
नीति आयोग ने जुलाई 2020 में यह चर्चा शुरू की और आईआईटी मंडी से इसमें भाग लेने का अनुरोध किया।