बंजार, न्यूज व्यूज पोस्ट।
सिराज घाटी की जीवनरेखा माने जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-305 (NH-305) की दयनीय स्थिति को लेकर NH-305 संघर्ष समिति ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को एक मांग पत्र सौंपा। इस पत्र में सड़क की मरम्मत और चौड़ीकरण के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है। स्थानीय निवासियों, पर्यटन व्यवसायियों, टैक्सी ऑपरेटर्स और आम यात्रियों की ओर से इस मुद्दे पर वर्षों से लगातार शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
सड़क की खतरनाक हालत और प्रशासन की उदासीनता
मांग पत्र में NH-305 की जर्जर अवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। बताया गया है कि यह सड़क पिछले दो दशकों से उपेक्षित है, जिससे कई जगहों पर ब्लैक स्पॉट बन चुके हैं और हादसे आम हो गए हैं। पिछले दस वर्षों में सैंकड़ों लोगों की जान इस बदहाल सड़क ने लील ली है।
इसके अलावा, 2023 में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान के बाद भी सड़क की समुचित मरम्मत नहीं हुई। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि मरम्मत का काम सिर्फ कागजों तक सीमित है और इसमें बड़े पैमाने पर घोटाले की आशंका है।
पर्यटन और व्यापार को भारी नुकसान
सिराज घाटी, जो हिमाचल प्रदेश के उभरते हुए पर्यटन स्थलों में से एक है, NH-305 की दयनीय स्थिति के कारण पर्यटकों की पसंद से बाहर हो रही है। संघर्ष समिति के अनुसार, खराब सड़क की वजह से होटल, ढाबा और टैक्सी व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
संघर्ष समिति की 5 प्रमुख मांगें
- NH-305 की टायरिंग और चौड़ीकरण कार्य तुरंत शुरू किया जाए और आगामी पर्यटन सीजन से पहले इसे पूरा किया जाए।
- मानसून में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की मरम्मत और सुरक्षा कार्य युद्धस्तर पर किए जाएं।
- इस सड़क की नियमित निगरानी और रखरखाव की प्रभावी योजना बनाई जाए।
- सड़क निर्माण कार्य की गति बढ़ाई जाए और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
- निगरानी के लिए “NH-305 संघर्ष समिति” का एक स्थायी सदस्य विशेष समिति में शामिल किया जाए।
आंदोलन की चेतावनी
संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो जनता को लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन, चक्का जाम और हड़ताल का सहारा लेना पड़ेगा। इसका संपूर्ण दायित्व प्रशासन और राजमार्ग प्राधिकरण पर होगा।
संघर्ष समिति ने लोक निर्माण मंत्री, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी इस मांग पत्र की प्रतिलिपि भेजी है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस जनसमस्या पर कितना गंभीरता से कदम उठाते हैं।