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HPPCL चीफ इंजीनियर की मौत से उठा भूचाल: सरकार ने MD और निदेशक को हटाया, CBI जांच की मांग तेज

शिमला: न्यूज व्यूज पोस्ट।

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध हालात में मौत ने प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र को हिला कर रख दिया है। परिवार और कर्मचारियों के तीखे विरोध के बाद सरकार ने HPPCL के प्रबंध निदेशक (MD) हरिकेश मीणा और निदेशक देशराज को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। देश राज को निलंबित भी किया गया है। मामले की जांच का जिम्मा अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा को सौंपा गया है, जिन्हें 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी होगी।

परिवार का आरोप: अधिकारियों ने बनाया था दबाव

विमल नेगी के परिवार का कहना है कि उन पर गैर-कानूनी फाइलों को मंजूरी देने का दबाव डाला जा रहा था, जिससे वे मानसिक तनाव में थे। उनकी पत्नी के मुताबिक, नेगी देर रात तक काम करने को मजबूर थे और जब उन्होंने छुट्टी मांगी, तो उन्हें प्रताड़ित किया गया। परिवार ने सरकार से सीबीआई जांच, निलंबित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। Hppcl के कर्मचारियों ने यह भी कहा अन्य कर्मचारियों को भी प्रबंधन की ओर से प्रताड़ित किया जाता था। किसी कर्मचारी की परिवार की मौत पर तेरवी तक के लिए छुट्टी नहीं। बाजू टूट जाए तो एक्सप्लेनेशन, कर्मचारी अंग्रेजी हुकूमत शाही की तरह समय निकाल रहे थे।

शव के साथ प्रदर्शन, अंतिम संस्कार से इनकार

नेगी की मौत के बाद उनके परिवार और सहयोगियों ने बीसीएस कार्यालय के बाहर शव रखकर छह घंटे प्रदर्शन किया। उन्होंने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया और आनन-फानन में HPPCL में बड़े प्रशासनिक बदलाव किए गए। रात दस बजे सरकारबके चार मंत्री bcs पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को मनाया।

सरकार ने उठाए सख्त कदम

राज्य सरकार ने IAS अधिकारी राकेश कुमार प्रजापति को HPPCL का नया एमडी नियुक्त किया है, जबकि सुरेंद्र कुमार को निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि नेगी की मौत से जुड़े हर पहलू की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले में एफआईआर हो गई है, प्रशासनिक जांच भी होगी।

CBI जांच होगी या नहीं?

परिवार और कर्मचारियों की मुख्य मांग CBI जांच की है, लेकिन सरकार ने फिलहाल इसे लेकर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। हालांकि, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहा है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले में क्या अगला कदम उठाती है और क्या नेगी के परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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