शिमला, न्यूज व्यूज पोस्ट,
हिमाचल प्रदेश सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे (BPL) आने वाले परिवारों की पहचान को लेकर वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरी तरह से कठोर बना दिया है। सरकार का साफ निर्देश है – यदि किसी अपात्र को BPL सूची में जगह मिली, तो संबंधित पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
✅ तीन सदस्यीय कमेटी के भरोसे वेरिफिकेशन
हर पंचायत में बनाई गई तीन सदस्यीय समिति को आवेदन जांचने की जिम्मेदारी दी गई है। यदि गलती हुई तो तीनों सदस्यों को चार्जशीट किया जाएगा। गलत वेरिफिकेशन को अब सेवा में लापरवाही माना जाएगा।
⚠️ झूठे शपथ पत्र पर होगी कानूनी कार्रवाई
अगर किसी ने BPL आवेदन में गलत जानकारी देकर झूठा शपथ पत्र दिया, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। इस बार आवेदनकर्ताओं के साथ वेरिफिकेशन कमेटी भी जवाबदेह होगी।
🔍 BPL चयन के नए मानदंड क्या हैं?
सरकार ने BPL सूची में शामिल करने के लिए सख्त और स्पष्ट मापदंड निर्धारित किए हैं:
- जिन परिवारों में केवल अनाथ बच्चे हों
- जिनमें केवल 59 वर्ष से अधिक बुजुर्ग हों और कोई वयस्क सदस्य न हो
- महिला मुखिया वाले परिवार, जिनमें 18-59 आयु वर्ग का कोई पुरुष न हो
- मुखिया 50% से अधिक विकलांग हो
- जिन परिवारों को मनरेगा में पिछले वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिन का रोजगार मिला हो
- गंभीर बीमारी से स्थायी रूप से अक्षम सदस्य हों
इनमें से कोई एक या अधिक मापदंड पूरा करने वाले परिवार BPL सूची के लिए पात्र माने जाएंगे।
❌ कौन होंगे सूची से बाहर?
- जिनके पास पक्का मकान है
- जिनकी कुल वार्षिक आय ₹50,000 से अधिक है
- जिनके पास एक हेक्टेयर से ज्यादा भूमि है
- जिनका कोई भी सदस्य सरकारी, अर्ध-सरकारी या निजी नौकरी में है
- आयकरदाता परिवार
🧾 आवेदन के साथ मांगी गई शपथ पत्र की जानकारी
- परिवार के पास पक्का मकान नहीं
- कोई सदस्य आयकरदाता नहीं
- कुल वार्षिक आय ₹50,000 से कम
- 1 हेक्टेयर से अधिक भूमि नहीं
- परिवार का कोई सदस्य नौकरी में नहीं
यदि इनमें से कोई भी जानकारी गलत पाई गई, तो आवेदन खारिज होने के साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी।
📊 कितने परिवार हो सकते हैं शामिल?
केंद्र सरकार ने हिमाचल के लिए 2,82,370 परिवारों का कोटा तय किया है। वर्तमान में 2,66,304 परिवार पहले से BPL सूची में हैं। ऐसे में 16,066 नए परिवारों को ही इस बार शामिल किया जा सकेगा।
🗣️ सरकार का सख्त संदेश
ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग के निदेशक राघव शर्मा का कहना है कि वेरिफिकेशन में लापरवाही पर पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उनकी मानें तो इस बार BPL चयन पूरी पारदर्शिता और कड़ाई के साथ होगा।
📌 निष्कर्ष:
हिमाचल सरकार ने इस बार BPL सूची में पारदर्शिता लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। अब न अपात्रों की एंट्री होगी, न अधिकारियों की गलती माफ की जाएगी। पात्रों को ही मिलेगा योजना का हक।