नौतोड़ भूमि पर वादे अधूरे, केंद्र सरकार पर भड़के जगत सिंह नेगी — बेरोजगारी और पलायन को बताया असली संकट
किन्नौर, 17 अप्रैल:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगत सिंह नेगी ने नौतोड़ भूमि आवंटन में लापरवाही को लेकर केंद्र सरकार और प्रदेश प्रशासन को घेरा है। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम, 1980 को हटाने का मकसद था सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को नौतोड़ भूमि देना, लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते यह योजना ज़मीन पर नहीं उतर सकी।
नेगी ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 500 लोगों को नौतोड़ भूमि आवंटित की गई थी और 6 हजार से अधिक मामलों में संयुक्त निरीक्षण किया गया था। अकेले किन्नौर में 56 मामलों को स्वीकृति मिली थी। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रक्रिया गंभीरता से आगे बढ़ाई जाती, तो सीमांत इलाकों में न केवल बेरोजगारी कम होती, बल्कि पलायन पर भी रोक लगती।
पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में नेगी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “बीते 11 वर्षों से केंद्र में मोदी सरकार है, लेकिन अब तक कांग्रेस नेताओं पर कोई ठोस चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकी। सत्ता में बने रहने के लिए अब जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है।”
नेगी ने अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है और सरकार इससे ध्यान हटाकर गैर-मुद्दों को तूल दे रही है।
उन्होंने मांग की कि सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को जल्द से जल्द नौतोड़ भूमि आवंटित की जाए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और क्षेत्रीय विकास को गति मिले।
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