शिमला, न्यूज व्यूज पोस्ट:
चौपाल उपमंडल के शांत पहाड़ मंगलवार को एक भीषण चीख से गूंज उठे, जब एक वाहन रिऊणी के पास गल्लू नाला के नजदीक अनियंत्रित होकर 600 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। इस दर्दनाक हादसे ने एक ही परिवार से दो पीढ़ियों की सांसें छीन लीं। पिता राम लाल और उनके बेटे दीपक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वाहन में सवार तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह यात्रा माटल से पुलबाहल की ओर होनी थी—शायद रोज़मर्रा की तरह एक आम सफर। लेकिन चालक दीपक शर्मा की एक चूक ने सब कुछ बदल दिया। हादसे में घायल हुए राजेश शर्मा, पंकज शर्मा और सुमन देवी की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है।
राजेश शर्मा ने चौपाल पुलिस को दिए बयान में हादसे की पूरी दास्तान सुनाई। पुलिस ने दीपक की लापरवाही को हादसे का कारण मानते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 281 और 125(क) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
गवाह बना गल्लू नाला, मातम में बदला पुलबाहल का सन्नाटा
जिस जगह यह हादसा हुआ, वहीं अक्सर ग्रामीण अपने पशुओं को चराने या रास्ते से गुजरते देखे जाते हैं। लेकिन उस दिन गल्लू नाला मौत की गवाही बन गया। पुलबाहल गांव जहां दीपक और राम लाल रहते थे, अब मातम में डूबा हुआ है।
स्थानीयों की मांग: पहाड़ी सड़कों पर सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम हों
स्थानीय लोगों का कहना है कि चौपाल जैसे दुर्गम क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन को अब गंभीर होना होगा। खाई के किनारे सुरक्षा दीवारें, संकेतक और नियमित जांच की ज़रूरत बार-बार सामने आ रही है—लेकिन हर बार किसी जान की कीमत पर।