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2030 तक 42 करोड़ भारतीयों के हवाई यात्रा करने की संभावना

दिल्ली। न्यूज व्यूज पोस्ट/

नागर विमानन मंत्रालय के लिए यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा सर्वोपरि है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए नागर विमानन सुरक्षा ब्‍यूरो (बीएबीसीएस) सभी हवाई अड्डों पर सर्तकता को बनाए रखता है, जबकि डीजीसीए ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर) को जारी किया है।

जैसे ही मंत्रालय को किसी यात्री के संबंध में मानदंडों को लेकर परिवर्तन के बारे में कोई जानकारी मिलती है, संबंधित एयरलाइंस और हवाई अड्डे से उसकी प्रतिक्रिया मांगी जाती है। हवाई अड्डे और एयरलाइंस द्वारा किसी के साथ अन्‍याय के मामले में मंत्रालय उनके खिलाफ जुर्माना लगाता है। 

यह जानकारी केन्‍द्रीय नागर विमानन एवं इस्‍पात मंत्री श्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने कल राज्‍यसभा में एक तारांकित प्रश्‍न के जवाब में दी।

उन्‍होंने यह भी बताया कि देश में पिछले 65 वर्षों के दौरान 74 हवाई अड्डे ही थे, लेकिन अब 149 हवाई अड्डे/हैलीपोर्ट/वाटर एयरड्रोम्‍स कार्यरत हैं। श्री सिंधिया ने यह भी कहा कि उड़ान योजना के लिए प्रदान किए गए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण से 1.3 करोड़ लोगों को विमान यात्रा करने में मदद मिली। उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार का प्रयास है कि वर्ष 2030 तक भारत में 42 करोड़ लोग हवाई यात्रा करेंगे।

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