रामपुर बुशहर । न्यूज़ व्यूज पोस्ट—
हिमाचल किसान सभा खण्ड इकाई निरमण्ड सेब उत्पादक संघ द्वारा हिमाचल प्रदेश में किसानों बागवानो द्वारा सरकार की किसान बागवान विरोधी नीतियों के खिलाफ 20 जुलाई को किए जा रहे आंदोलन का समर्थन करेगी ।
हिमाचल किसान सभा खण्ड इकाई निरमण्ड के अध्यक्ष देवकी नंद व महासचिव जगदीश ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही नवउदारवादी कृषि नीतियों के चलते प्रदेश मे लगातार खाद दवाई और कीटनाशकों में मिलने वाली सब्सिडी समाप्त कर रही है।इन नीतियों के चलते सरकार ने गते और ट्रे पर जीएसटी 12 से 18% बढ़ा दिया है जिससे की बागवानों को सेब को पैदा करने की लागत व पैकिंग की लागत लगभग दोगुना हो गई है।जिसके कारण सेब पैदा करने वाला किसान बागवान सरकार की इन किसान विरोधी नीतियों के कारण परेशान है।हिमाचल प्रदेश में सेब की खेती का बहुत बड़ा योगदान है इससे हर वर्ष सरकार को लगभग 5500 करोड़ की आय प्राप्त होती है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नवउदारवादी नीतियों से हिमाचल प्रदेश में किसानी व बागवानी निरंतर घाटे का सौदा बन रही है। जहां एक ओर किसान बागवान लगातार कर्ज के तले दब रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने गत्ता व कार्टन के दाम बढ़ा कर किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है।प्रदेश के निचले क्षेत्रों मे सेब का सीजन शुरू हो चुका है परंतु प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है किसानों व बागवानों को उनके रहमों कर्मों पर छोड़ दिया है किसानों को सेब की पैकिंग के लिए महंगा गत्ता व ट्रे लेने को मजबूर होना पड़ रहा है।पूरे प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है। निरमण्ड ब्लॉक में भी सभी सड़कें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। सरकार व प्रशाशन सड़कों को दुरुस्त करने में नाकाम है।
सरकार के मिलीभगत के चलते प्रदेश में आढती लगातार बागवानों का शोषण कर रहे हैं।सेब की बोली लगने के बाद भी बागवानों से 20 रुपये से लेकर 30 रुपये की कटौती की जा रही है और लोगों को समय पर पैसों की अदायगी नहीं कर रहे हैं। बागवानों के पिछले साल के लाखों रुपए आढ़तियों के पास फंसे हुए हैं ।लोडिंग और अनलोडिंग के भी मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
हिमाचल किसान सभा खण्ड इकाई निरमण्ड 20 जुलाई को निरमण्ड मे होने वाले प्रदर्शन में सेब उत्पादकों के साथ मिलकर प्रदर्शन मे हिस्सा लेंगी।
हिमाचल किसान सभा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि सरकार शीघ्र अति शीघ्र हस्तक्षेप करते हुए गते और ट्रे के दाम कम करे, हिमाचल में भी जम्मू कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना के तहत ए ग्रेड का सेब 60 रुपये बी ग्रेड का 44 व सी ग्रेड का सेब 24 रुपये प्रति किलो के हिसाब से लिया जाए,खाद दवाई और बीजों पर सब्सिडी को पुनःबहाल किया जाए,निरमण्ड ब्लॉक की सभी सड़कों की दशा सीजन से पहले दुरुस्त किया जाए।।आढतियों के पास बागवान के पैसों की शीघ्र अति शीघ्र अदायगी की जाए अन्यथा उनके लाइसेंस रद्द किये जाए।