दिल्ली। न्यूज व्यूज पोस्ट।
मई 1999 में केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) तकनीकी स्थायी समिति ने सीएमवीआर में संशोधन के लिए कई सिफारिशें की थीं, जिसमें उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी) से संबंधित सिफारिश भी शामिल थी। तदनुसार, केंद्र सरकार ने 22 अगस्त, 2001 के एसओ 814 (ई) और 16 अक्टूबर, 2001 के एसओ 1041 (ई) के माध्यम से एचएसआरपी लगाने के प्रावधानों को अधिसूचित किया, जिसे एसओ 6052 (ई) दिनांक 06.12.2018 के द्वारा हटा दिया गया था। भारत में उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी) विशेष लाइसेंस प्लेट हैं, जिन्हें वाहन पंजीकरण की सुरक्षा बढ़ाने और चोरी तथा धोखाधड़ी जैसे वाहन से संबंधित अपराधों को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन नंबर प्लेटों में छेड़छाड़-रोधी बनाने और आसानी से पता लगाने योग्य बनाने के लिए कई सुरक्षा विशेषताएं हैं।
एचएसआरपी सहित मोटर वाहन घटकों की कीमत का निर्धारण या विनियमन एमवी अधिनियम 1988 और सीएमवीआर 1989 के दायरे में नहीं है।
वाहन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 14 दिसंबर, 2023 तक, कुल 13,45,10,172 एचएसआरपी ओईएम, उनके डीलरों और राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित एचएसआरपी निर्माताओं, जैसा भी मामला हो, के माध्यम से मोटर वाहनों पर लगाई गई हैं। एचएसआरपी लगाने का उद्देश्य प्रवर्तन को मजबूत करना और सुरक्षा एवं संरक्षा में सुधार करना है, हालांकि इससे सरकार को कोई राजस्व नहीं मिलता है।
सीएमवीआर 1989 के तहत, एचएसआरपी के निर्माण के लिए एमएसएमई सहित किसी भी कानूनी इकाई पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, बशर्ते कि नियम 126 में संदर्भित परीक्षण एजेंसियों से इस प्रकार का अनुमोदन प्रमाणपत्र प्राप्त किया गया हो। हालांकि, एचएसआरपी लगाने के लिए आपूर्ति सीएमवीआर 1989 के तहत नियम 50 के उप-नियम (1) के तहत विनियमित है।
यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी।