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शिमला में कृषि क्रांति की नई पहल: किसानों की आर्थिकी होगी सुदृढ़

शिमला, 06 मार्च, न्यूज व्यूज पोस्ट – शिमला जिले में किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है। उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) की बैठक में 2025-26 के लिए 2.94 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत किसानों को उन्नत तकनीकों से जोड़ने, प्रशिक्षण, एक्सपोज़र विज़िट और प्रदर्शनियों के माध्यम से जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

बैठक में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन पर भी विस्तार से चर्चा हुई। उपायुक्त ने बताया कि शिमला जिले में इस मिशन के तहत 50 किसानों के क्लस्टर बनाए जाएंगे, जहां हर क्लस्टर में 2 कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन या कृषि सखी तैनात की जाएंगी। ये विशेषज्ञ महीने में 16 दिन किसानों के खेतों में जाकर प्रशिक्षण देंगी, जिससे प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा।

2025-26 में 3.26 करोड़ रुपये की राशि इस मिशन पर खर्च की जाएगी, जबकि मार्च 2025 तक 7.2 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। यह योजना रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने और पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार की गई है।

शिमला के किसान बनेंगे आदर्श

उपायुक्त ने कहा कि जिले के हर विकास खंड को मॉडल ब्लॉक के रूप में विकसित करने की जरूरत है, ताकि अन्य किसान भी प्रेरित हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू करें ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।

बैठक में परियोजना निदेशक आत्मा डॉ. देवी चंद कश्यप, उप परियोजना निदेशक अनिल ठाकुर, मनीष सूद सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी बल्कि प्राकृतिक खेती के ज़रिए जैविक और टिकाऊ कृषि को भी बढ़ावा देगी, जिससे शिमला जिला एक नई कृषि क्रांति का गवाह बनेगा

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