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शिमला के रेस्टोरेंट में युवक की संदिग्ध मौत: नशे के बढ़ते जाल पर फिर उठे सवाल

शिमला, 11 मार्च:न्यूज व्यूज पोस्ट,

राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मंगलवार शाम एक रेस्टोरेंट के टॉयलेट में 21 वर्षीय युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान स्नेहल (निवासी न्यू शिमला) के रूप में हुई है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है, लेकिन स्थानीय लोग इसे नशे के बढ़ते जाल से जोड़कर देख रहे हैं।

कैसे हुआ खुलासा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्नेहल शाम के समय संजौली के एक रेस्टोरेंट में आया था। थोड़ी देर बाद वह शौचालय गया, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं निकला। जब कर्मचारियों ने दरवाजा खटखटाया और अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो युवक बेसुध पड़ा था। जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।

क्या ड्रग ओवरडोज है वजह?

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जिसकी रिपोर्ट से ही मौत के असली कारणों का खुलासा होगा। हालांकि, शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह मामला ड्रग ओवरडोज का हो सकता है। कुछ समय पहले इसी इलाके में एक और युवक की मौत चिट्टे (हेरोइन) के ओवरडोज से हुई थी।

नशे का गढ़ बनता संजौली?

संजौली और शिमला के अन्य इलाकों में बीते कुछ वर्षों से नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब यह इलाका नशेड़ियों और तस्करों के लिए सेफ ज़ोन बनता जा रहा है।

एक स्थानीय निवासी राजीव शर्मा ने बताया, “संजौली में हर महीने नशे से जुड़ी घटनाएं हो रही हैं। पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन नशे का धंधा खत्म नहीं हो रहा। युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं और उनकी ज़िंदगियां बर्बाद हो रही हैं।”

पुलिस की सख्ती और नई चुनौतियां

शिमला पुलिस ने हाल के महीनों में नशा तस्करों पर कई शिकंजे कसे हैं। कई तस्करी गिरोह पकड़े गए हैं, लेकिन इसके बावजूद नशे का बाजार फल-फूल रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस अवैध कारोबार में कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल पाए गए हैं।

पुलिस अधिकारी के अनुसार, “हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन नशे के सप्लाई चैन को तोड़ना चुनौती बना हुआ है। ड्रग्स हिमाचल तक बाहरी राज्यों से पहुंच रहे हैं। हम इस मामले की तह तक जाएंगे और जल्द ही सख्त कदम उठाएंगे।”

युवाओं का भविष्य दांव पर

शिमला में नशे के बढ़ते चलन ने अभिभावकों को भी चिंता में डाल दिया है। स्कूल और कॉलेज के छात्र बड़ी संख्या में इसकी चपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नशे के खिलाफ सख्त कानून के साथ-साथ परिवार और समाज को भी सतर्क रहना होगा।

सरकार से क्या उम्मीद?

स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार को नशे के खिलाफ और कड़े कदम उठाने चाहिए। ड्रग माफिया पर लगाम कसने के लिए पुलिस और प्रशासन को जमीनी स्तर पर ठोस कार्ययोजना बनानी होगी।

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