शिमला जिला के रामपुर बुशहर में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा कार्यालय कर्मचारियों की निगरानी एवं उन पर दवाब बनाने के लिए गैर सरकारी पर्सनल सहायिका यानी महिला कर्मी रखने की परंपरा बढ़ती जा रही है। अब तक रामपुर के तीन विभागों में ऐसे मामले सामने आए हैं। बल्कि खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक रामपुर के खिलाफ तो विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो शिमला ने मामला दर्ज कर लिया है। जबकि लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता कार्यालय से ऐसी शिकायत अधीक्षण अभियंता तक पहुंचने पर महिला कर्मी को हटा दिया था । ऐसे में लोक निर्माण , युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य के गृह क्षेत्र में उन्हीं के विभाग में अधिशासी अभियंता द्वारा इस तरह के कारनामे किए जाने से सरकार पर भी उंगलियां उठने लगी है। बताया जा रहा है कि अधिशासी अभियंता द्वारा वर्ष 2022 में अपने डिवीजन ऑफिस में अधीक्षक के कार्यालय में एक महिला सहायिका को अवैध तरीके से तैनाती की गई । उस कर्मचारी का भुगतान किसी सरकारी खाते से नहीं होता था और न ही विभाग से अनुमति या सरकारी दस्तावेजों में अंकित किया गया। इस बाहरी कर्मचारी यानी महिला को अधिशासी अभियंता ने कथित तौर पर मौखिक तमाम अधिकार दिए गए दिए थे, जिससे सरकारी कर्मचारियों को उसके मातहत बनकर काम करना मजबूरी हो गया था। बाहरी व्यक्ति के सरकारी कार्यालय में इस तरह से हस्तक्षेप से कार्यालय के सरकारी कर्मचारियों को ईमानदारी से सेवाएं जारी रखना काफी मुश्किल हो गया था। हालत को देखते हुए लिखित शिकायत अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग वृत्त रामपुर को भी पहुंची। जिसमें विस्तार पूर्वक सभी तथ्य अंकित किए गए थे। अधीक्षण अभियंता ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिशासी अभियंता को कारण बताओं नोटिस भी जारी कर दिया था । मामला उलझते देख अधिशासी अभियंता ने महिला कर्मचारी को हटा दिया बताया जाता है कि यह महिला वर्तमान में सरपारा क्षेत्र में रह रही है। अब सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब खाद्य आपूर्ति विभाग के निरीक्षक द्वारा इसी तरह महिला को कार्यालय में रखे जाने पर मामला दर्ज किया गया है। तो इससे ज्यादा गंभीर मामल लोक निर्माण जैसे विभाग में और लिखित शिकायत के बावजूद भी क्यों मामला दर्ज नहीं किया गया। क्या किसी सत्ता में बैठे नेता का बरदहस्त प्राप्त है या फिर रामपुर में सरकारी नहीं अधिकारियों के ही कायदे कानून चलते हैं। इन दिनों यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों की मांग है कि जब एक अधिकारी पर मामला दर्ज हो सकता है तो अन्य विभागों पर ऐसे कर्मचारी रखने वालों पर क्यों नहीं करवाई हो रही है। इसके पीछे क्या राज है। क्या ऐसे लोगो पर हाथ डालने से सत्ता में बैठे लोगों की कलई खुल सकती है। उधर इस घटनाक्रम बारे अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग पासिंग नेगी ने बताया कि वह मामले का पता लगाएंगे। सरकारी स्तर पर जांच करेंगे जो भी सरकारी प्रावधानों के तहत सही होगा कार्रवाई की जाएगी ।