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शिमला के डाक्टर से दो करोड़ स्तर लाख की साइबर ठगी

ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर शिमला के एक डाक्टर से 2.7 करोड़ की ठगी हुई। पुलिस ने ठगी करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ठगो ने इस रकम को ठिकाने लगाने के लिए अलग-अलग बेनामी बैंक खातों का इस्तेमाल किया। उन्होंने डाक्टर से ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर 2.7 करोड़ की साइबर ठगी की। पुलिस पकड़ में आए आरोपियों में गौरव आहूजा (42) सेक्टर-57, अमृत दास (40) सेक्टर-4, गुड़गांव हरियाणा निवासी और बाल मोहन (40) निवासी तहसील चिनियाली सौर, जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड शामिल हैं।
प्रारंभिक जांच के मुताबिक शिकायतकर्ता की 2,70,19,316.50 रकम 13 विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर हुई है। मामला 17 दिसंबर 2024 को साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, दक्षिणी रेंज, शिमला में आईपीसी की धारा 61 (2), 318 (4) और आईटी एक्ट की धारा 66-डी के तहत दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता डॉ. अजय गोयल को ऑनलाइन ट्रेडिंग में अधिक रिटर्न का झांसा देकर फंसाया था।
जांच में पता चला कि 2,70,19,316.50 रकम 13 विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर की थी। इस मामले में सबसे पहले आरोपी अमृत दास के नाम का बैंक खाता सामने आया। इसमें शिकायतकर्ता की ट्रांसफर राशि में से 8,37,370 रुपये की रकम जमा हुई थी। संबंधित बैंक की सीडीआर रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अमृत दास का दोस्त बाल मोहन (गौरव आहूजा का ड्राइवर) इस राशि की निकासी के दौरान उसके साथ बैंक में
गया था।
राशि को बाल मोहन ने आरोपी गौरव आहूजा को दे दी। इसके बाद सह-आरोपी बाल मोहन व गौरव को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि गौरव गुड़गांव में एक आईटी कंपनी में वरिष्ठ प्रबंधक के तौर पर कार्यरत है। अभी चौथा आरोपी प्रदीप अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने अपराध की प्रकृति और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उन्हें 5 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने सक्रियता से जांच को आगे बढ़ाते हुए साइबर ठगों तक पहुंचने में सफलता हासिल की।

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