बिलासपुर/शिमला | न्यूज व्यूज पोस्ट।
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित विमल नेगी मौत मामले में अब CBI की जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। जांच एजेंसी अब उस गहराई में उतर रही है जहां से पूरे घटनाक्रम की असल परतें खुल सकती हैं। यह मामला अब एक रहस्य से कहीं ज़्यादा बन गया है — सवालों और संदेहों से घिरा एक जाल, जिसमें कई किरदारों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
🔍 CBI की जांच के केंद्र में ये 5 सवाल
1️⃣ ASI पंकज के पीछे कौन?
विमल नेगी की मौत के बाद जिन अधिकारियों पर पहली नजर गई, उनमें ASI पंकज का नाम प्रमुखता से सामने आया। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या पंकज इस पूरे मामले में अकेले था या उसके पीछे कोई ‘बड़ा चेहरा’ भी है? CBI अब पंकज के कॉल रिकॉर्ड, वित्तीय लेन-देन और संपर्क सूत्रों की गहन जांच कर रही है।
2️⃣ बोट संचालक सुनील ने क्या देखा था?
मामले के चश्मदीदों में एक नाम बोट संचालक सुनील का भी है, जिसने घटनास्थल के पास कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी थीं।
3️⃣ मोबाइल कॉल्स: किससे हो रही थी बातचीत?
विमल नेगी की मौत से कुछ घंटे पहले तक उनके मोबाइल से लगातार कॉल्स किए गए और रिसीव भी हुए। CBI इन कॉल्स की डिटेल्स खंगाल रही है। इनमें से कुछ नंबर बाहरी राज्यों से जुड़े हैं, जिससे इस केस का दायरा और भी बढ़ सकता है।
4️⃣ ड्राइवर राजू का दावा — बिलासपुर किससे मिलने आए थे नेगी?
विमल नेगी के साथ मौजूद ड्राइवर राजू का बयान जांच की एक अहम कड़ी बनकर उभरा है। राजू के अनुसार, नेगी ने खुद बताया था कि वे बिलासपुर किसी विशेष व्यक्ति से मिलने आए हैं। अब यह व्यक्ति कौन है, इससे उनकी मौत का क्या संबंध है — ये सवाल जांच का अहम हिस्सा हैं।
5️⃣ विमल की गतिविधियों पर नज़र: झील किनारे क्या हुआ था?
झील किनारे विमल नेगी की अंतिम गतिविधियों को लेकर अब CBI सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन फीड और स्थानीय चश्मदीदों के बयानों को खंगाल रही है। बोट संचालक और झील के आसपास के लोगों के मुताबिक, उस दिन वहां कुछ ऐसा हुआ जो आम दिनों से बिलकुल अलग था।
🧭 CBI की प्राथमिकता में क्या है?
- एएसआई पंकज की पृष्ठभूमि और नेटवर्क
- बोट संचालक सहित स्थानीय गवाहों के बयान
- विमल के मोबाइल की कॉल डिटेल्स और चैट हिस्ट्री
- झील किनारे मौजूद अन्य संदिग्धों की पहचान
- ड्राइवर राजू का गहन पूछताछ
📌 निष्कर्ष:
विमल नेगी की मौत की गुत्थी जितनी सुलझती दिखती है, उतनी ही उलझती भी जा रही है। सीबीआई इस केस को महज़ एक्सीडेंट या आत्महत्या नहीं मान रही, बल्कि इसे सुनियोजित साजिश के तौर पर देख रही है। आने वाले दिनों में बड़े खुलासे संभव हैं और कई चेहरों से नकाब उतर सकते हैं।