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रामपुर के उरू गांव में वैदिक संस्कृति जागरण कार्यक्रम, वैदिक परंपरा को फिर से अपनाने का आह्वान

रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी।
शिमला जिला के रामपुर के समीप उरू गांव के बाबा बालक नाथ मंदिर में वैदिक संस्कृति और भारतीय परंपराओं को लेकर एक विशेष धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान वैदिक शिक्षा और गुरुकुल परंपरा को दोबारा शुरू करने का आह्वान किया गया। बाबा बालक नाथ मंदिर में आयोजित इस धार्मिक समारोह में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष राधे कृष्ण नेगी मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि यदि भारत ने वैदिक शिक्षा को समय रहते अपनाया होता, तो आज देश अमेरिका से भी पहले अंतरिक्ष में पहुंच सकता था।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी परंपराएं, तिथि-त्योहार, यहां तक कि भाषा और जीवनशैली भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
“हमें समाज के अंदर चेतना जगानी होगी कि जो हमारी परंपराएं हैं, वे केवल आस्था नहीं, बल्कि विज्ञान पर आधारित हैं। हमें अपने वैदिक मूल की ओर लौटना होगा।”

वी ओ बाबा परमहंस श्री देवांग आश्रम ने भी इस अवसर पर वैदिक संस्कृति की वैज्ञानिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, जिसे नववर्ष के रूप में मनाया जाता है, प्रकृति के परिवर्तन का प्रतीक है।

उन्होंने यह भी कहा कि सनातन संस्कृति में परिवार की एकता को सबसे ऊपर माना गया है और आज के समय में टूटते संयुक्त परिवारों को फिर से जोड़ने की जरूरत है।

बाबा परमहंस श्री देवांग आश्रम]
“हमारा नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है, जब प्रकृति भी परिवर्तन का संकेत देती है। ऐसे कार्यक्रमों से हमें अपनी जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है।”

कार्यक्रम के अंत में बाबा मानव शर्मा की अगुवाई में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया और भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने का संकल्प लिया।

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