मंडी। न्यूज व्यूज पोस्ट/
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मण्डी का कार्यक्षेत्र घटाना यह दर्शाता है कि सुक्खू सरकार राजनितिक द्वेष की भावना से कार्य कर रही है जिसका असर आम गरीब छात्रों पर पड़ेगा यह बात पूर्व में रहे मण्डी महाविद्यालय के छात्र व वर्तमान में विकास खण्ड सराज की ग्राम पंचायत बगड़ा थाच के उप प्रधान रोहित ठाकुर ने कही उन्होंने कहा कि वर्तमान की कांग्रेस सरकार बेहतर व सुविधाजनक शिक्षा देने के बजाय सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मण्डी को कमजोर करने की साजिश रच रही है जो कि एक निंदनीय विषय है सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत जिला चंबा, कांगड़ा आनी व निरमंड कॉलेज को बाहर करना उन जिलों के छात्रों के साथ खिलवाड़ है होना तो ये चाहिए था कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की तरफ कदम बढ़ाकर शिक्षण संस्थानों में सुविधाएं प्रदान करे खाली पड़े पदों को भरे ताकि छात्रों को घर द्वार उच्च शिक्षा मिल सके मगर प्रदेश सरकार सरदार पटेल यूनिवर्सिटी का दायरा घटाना चाहती है जोकि छात्र विरोधी निर्णय है मण्डी महाविद्यालय प्रदेश का सबसे पुराना महाविद्यालय है जहां आज के दौर में प्रदेश में सबसे अधिक 7000 से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनके लिए इसके अलावा मण्डी जिला के अनेक कालेजों व अन्य जिलों के हजारों छात्रों के लिए भी मण्डी विश्वविद्यालय एक केन्द्र बिंदु है जहां छात्रों को नजदीक व कम खर्चे में उच्च शिक्षा मिलती है ताकि आम व गरीब छात्रों पर आर्थिक बोझ न पड़े लेकिन कांग्रेस सरकार पहले दिन से ही छात्र विरोधी फैसले ले रही है पूर्व में भी इस सरकार ने शिक्षण संस्थानों को बंद किया है और अब मण्डी यूनिवर्सिटी को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है जोकि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश में घर द्वार उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले हजारों छात्रों के हित में खोली है कांग्रेस सरकार राजनीतिक द्वेष की भावना से काम कर रही है जिसका नुकसान भविष्य में आम गरीब छात्रों को होगा जिसे हम कतई भी बर्दाश्त नहीं करेंगे अगर प्रदेश सरकार ने यह छात्र विरोधी निर्णय वापिस नहीं लिया तो पूर्व छात्र भी आम छात्रों व विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर संघर्ष तेज करेंगे