Site icon Hindi &English Breaking News

भारत में तकनीकी वस्त्र क्रांति: NTTM और PLI योजना से खुला आत्मनिर्भरता का नया द्वार

नई दिल्ली

✍️ लेखक: गिरिराज सिंह, केंद्रीय कपड़ा मंत्री

भारत में कपड़ा उद्योग अब सिर्फ पारंपरिक रेशों और डिजाइन तक सीमित नहीं रहा। तकनीकी वस्त्र (Technical Textiles) के क्षेत्र में देश तेजी से ग्लोबल हब बनने की दिशा में अग्रसर है। राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM) और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना जैसी सरकारी पहलों ने इस बदलाव की नींव रखी है।

🔍 तकनीकी वस्त्र: क्या हैं और क्यों हैं खास?

तकनीकी वस्त्र वे स्मार्ट टेक्सटाइल हैं जो सजावटी नहीं, बल्कि कार्यात्मक उपयोग के लिए बनाए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:

यह क्षेत्र 12 प्रमुख खंडों जैसे मेडिटेक, प्रोटेक, एग्रोटेक, जियोटेक और बिल्डटेक में फैला हुआ है।

📊 बाजार में जबरदस्त वृद्धि

भारत का तकनीकी वस्त्र बाज़ार 2024 तक $26 बिलियन तक पहुंच चुका है और 2030 तक $45 बिलियन के आंकड़े को छूने की उम्मीद है। वर्तमान में भारत के टेक्सटाइल उत्पादन में इनकी हिस्सेदारी लगभग 11% है, जबकि वैश्विक औसत 27% है।

🏛️ दो सरकारी मिशन: NTTM और PLI

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM)

लेखक एवं केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के अनुसार, आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित यह मिशन तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में नवाचार और कौशल विकास की ठोस नींव रख रहा है।

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना

गिरिराज सिंह बताते हैं कि PLI योजना का उद्देश्य है प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन द्वारा निजी निवेश को आकर्षित करना। यह योजना विनिर्माण को मिशन की तरह लेने की मानसिकता को बढ़ावा देती है।

🛡️ रक्षा से लेकर अंतरिक्ष तक तकनीकी वस्त्र

हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत के सुरक्षाबलों ने स्वदेशी बैलिस्टिक गियर, रासायनिक सुरक्षा सूट और छलावरण वर्दियों का उपयोग किया। लेखक गिरिराज सिंह का कहना है कि देश में समय रहते की गई तकनीकी तैयारी अब रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक बढ़त प्रदान कर रही है। इसरो के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने भी भारतीय तकनीकी वस्त्रों की क्षमता को अंतरिक्ष अनुसंधान में अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया।

♻️ नवाचार से आत्मनिर्भरता की ओर

गिरिराज सिंह का मानना है कि ऐसे नवाचार न केवल उद्योग को गति देंगे, बल्कि भारत को वैश्विक टेक्सटाइल मार्केट में निर्णायक स्थान दिलाएंगे।

🌍 भारत टेक्स 2025 से ग्लोबल पहचान

भारत अब सिर्फ घरेलू उपयोग तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी टेक्निकल टेक्सटाइल्स का निर्यातक बन रहा है। 2020-21 में $4.2 बिलियन का मानव निर्मित वस्त्र निर्यात 2024-25 में बढ़कर $5.3 बिलियन हो गया है। गिरिराज सिंह इसे आत्मनिर्भरता और प्रतिस्पर्धात्मकता का संकेत मानते हैं।


🧵 निष्कर्ष (लेखक की कलम से”आज भारत तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में सिर्फ भागीदार नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता बनने की दिशा में बढ़ रहा है। NTTM और PLI जैसे प्रयास नवाचार, निर्यात और रोजगार के नए द्वार खोल रहे हैं। यह केवल एक औद्योगिक परिवर्तन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।”

गिरिराज सिंह, केंद्रीय कपड़ा मंत्री


Exit mobile version