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भारत का ऊर्जा भविष्य: परमाणु ऊर्जा बनेगा आत्मनिर्भरता का स्तंभ

नई दिल्ली, 31 मार्च 2025 न्यूज व्यूज़ पोस्ट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्थिरता की दिशा में परमाणु ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की इस विषय पर की गई विस्तृत टिप्पणियों की सराहना की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट के माध्यम से बताया कि परमाणु ऊर्जा भारत के सतत और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य की आधारशिला बन रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

परमाणु ऊर्जा की ओर भारत का बढ़ता रुझान

भारत सरकार हरित और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का विस्तार कर रही है। हाल ही में कई नए परमाणु संयंत्रों को मंजूरी दी गई है, जिससे देश की ऊर्जा क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।

क्यों जरूरी है परमाणु ऊर्जा?

  1. कार्बन उत्सर्जन में कटौती: पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों की तुलना में परमाणु ऊर्जा कहीं अधिक स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल है।
  2. सतत ऊर्जा स्रोत: यह एक भरोसेमंद ऊर्जा स्रोत है, जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को दीर्घकालिक रूप से पूरा कर सकता है।
  3. आर्थिक विकास को बढ़ावा: ऊर्जा आत्मनिर्भरता से औद्योगिक क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और भारत के विकास को गति मिलेगी।

भारत का लक्ष्य 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का है, और इसमें परमाणु ऊर्जा अहम भूमिका निभा सकती है। सरकार इस दिशा में निवेश और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए कई नई नीतियाँ बना रही है।

क्या भारत आने वाले वर्षों में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर बन सकता है? यह देखना दिलचस्प होगा!

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