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भाजपा प्रत्याशी के जाति प्रमाण पर उठाए सवाल

रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी —– —

-हिमाचल कांग्रेस अध्यक्षा के गृह क्षेत्र रामपुर  में भाजपा
प्रत्याक्षी की जाती प्रमाण पत्र को ले कर विरोधियो ने उठाये सवाल। भाजपा
के रुष्ट नेता एवं पूर्व भारतीय प्रशासनिक अधिकारी ने पत्रकार वार्ता कर
भाजपा प्रत्याक्षी के जाती प्रमाण को ठहराया गलत।  जबकि  भाजपा मंडल और
भाजपा के अन्य संगठनों के नेताओ ने संवैधनिक पहलुओं और तथ्यों के आधार पर
ही भरा है नामांकन। इसी लिए विरोधियो की शिकायत हुए निरस्त।

– शिमला जिला के रामपुर आरक्षित विधान सभा हलके में भाजपा
प्रत्याक्षी को को कांग्रेस के साथ साथ भाजपा के रुष्ट नेता भी घेरने लगे
है ,  विरोधियो ने भाजपा प्रत्याक्षी कौल नेगी के जाती प्रमाण पात्र को
ले कर संशय उत्पन किया है। भाजपा के पूर्व प्रत्याक्षी एवं पूर्व भारतीय
प्रशासनिक अधिकारी  प्रेम सिंह द्रेक ने बताया  की कौल  नेगी    जनजातीय
जिला किन्नौर के रहने वले है और किन्नौर को  सवैधानिक तौर से अनुसूचित
जनजाति  का दर्जा दिया है. ऐसे में अगर भाजपा अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति
को अनुसूचित जाती आरक्षित सीट से  चुनाव लड़ाती है तो इस से प्रदेश विधान
सभा में आरक्षित वर्ग की एक सीट कम होगी।  उधर कांग्रेस के कवरिंग
कंडीडेट समेत एक अन्य प्रत्याक्षी ने भी भाजपा प्रत्याक्षी के  नामांकन
को रद्द करने की मांग उठाई थी।  लेकिन चुनाव अधिकारियो ने स्कूटनी के
दौरान भाजपा प्रत्याक्षी के नामांकन और जाती को सही पाया।  उधर भाजपा
रामपुर मंडल और उन की क़ानूनी जानकारों की टीम ने पत्रकार वार्ता कर बताया
की किन्नौर के मूल निवासी को जनजाति दर्जा दिया गया है।  लेकिन वहाँ वो
व्यक्ति कोली यानी अनुसूचित जाती से है तो वो वह इस का भी लाभ उठा सकता
है।  यह पूर्व में सरकार ने नोटिफाई किया है की जनजाति क्षेत्र का कोली
समाज से जुड़ा व्यक्ति दोनों में से कोई भी लाभ उठा सकता है।  उन्होंने
बताया की कांग्रेसी और कुछ अन्य नेता  भ्रांतियां फैला कर लोगो में संशय
पैदा करना चाहते है। यह  केवल षड्यंत्र के तहत अफवाह फैलाना  मात्र है।

  एडवोकेट हरिंदर शर्मा  ने बताया किन्नौर  जनजातीय क्षेत्र है।
जो किन्नौर का मूल निवासी है वह  अनुसूचित जनजाति का होगा लेकिन जिस
समुदाय एवं जाति से ताल्लुक रखता है उसका भी वह लाभ उठा सकता है। यानी कि
जनजातीय क्षेत्र का व्यक्ति अनुसूचित जनजाति व अगर वह अनुसूचित जाति से
संबंधित है तो वह अनुसूचित जाति का  भी लाभ भी उठा सकता है।  इस मामले को
 सरकार ने नोटिफाई किया है, क्योंकि  पूर्व में आये ऐसे संशय को दूर
करने के लिए सरकार ने यह स्पष्ट किया है। ऐसे में जो भाजपा प्रत्याशी है
उन्होंने किन्नौर में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनाया था उसी आधार पर
रामपुर में भी तहसीलदार ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किया है।-प्रेम सिंह ड्रेक पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी  ने बताया
रामपुर विधान  सभा हल्का अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित है। उन्होंने
बताया लेकिन यहाँ अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को भाजपा ने प्रत्याक्षी
बनाया है। रामपुर आंबेडकर बुद्धिजीवी मंच इस का विरोध करता है।  इस से
आरक्षित वर्ग की विधान सभा सीट प्रदेश में कम होगी।  दुसरा तहसीलदार
रामपुर ने जाती प्रमाणपत्र गलत तरिके से दिया है।

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