रिकांगपिओ । न्यूज़ व्यूज पोस्ट—
वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी में आयोजित द्विवार्षिक राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र सम्मेलन में प्राकृतिक खेती अपना रही किन्नौर जिला की 10 महिलाओं ने लिया भाग। यह जानकारी आज यहां परियोजना निदेशक (आत्मा) डाॅ. सोमराज नेगी ने दी।
उन्होंने बताया कि द्विवार्षिक राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र सम्मेलन में प्रदेश के 1200 कृषि वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं जिन्होंने प्राकृतिक खेती के विषय पर लोगों को जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि किन्नौर जिला से इस सम्मेलन में 10 महिलाएं भाग ले रही हैं।
इस दौरान प्राकृतिक खेती के चार स्तम्भ बीजामृत, जीवामृत, अच्छादन व वाफसा के गुणों के बारे में भी लोगों को बताया गया। प्राकृतिक खेती के घटक बीजामृत, जीवामृत, धनजीवामृत, अग्निस्त्र, ब्रहृस्त्र, प्राकृतिक तना लेप व सप्तधान्यअर्क के बारे में भी लोगों को विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान कृषि एवं उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी किसानों व बागवानों को अवगत करवाया गया।
डाॅ. सोमराज नेगी ने बताया कि जिले में विभाग द्वारा समय-समय पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। उन्हांेनें बताया कि विभाग के माध्यम से किसानांे को आधुनिक कृषि तकनीक व सरकारी योजनाओें के बारे जागरूक करने के लिए किसान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। शिविरों में भाग लेने वाले किसानांे को खाद व कृषि उपकरणों की खरीद पर उपदान दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में लगभग 210 हैक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जा रही है तथा 2156 किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।
वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी में आयोजित द्विवार्षिक राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र सम्मेलन में जिले के कानम गांव की किरण कुमारी, पुष्पा कुमारी, राज कुमारी, नीरज कुमारी, रत्न देवी, नीलम कुमारी, चगांव गांव की रत्न कुमारी, बाल कृष्णी, करजंग नेगी तथा किल्बा गांव की गंगा सरनी बिश्ट ने भाग लिया।