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नवजात की हत्या मामले में मां समेत तीन महिलाओ को उम्र कैद

रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट/

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश किन्नौर स्थित रामपुर कि अदालत ने तीन महिलाओ को नवजात की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास और दो लाख रुपए की सजा सुनाई है।आरोपी फकरा पत्नी नजमदीन गांव क्रंबल डा० शवाड़ थाना आनी जिला कुल्लू, फकरा पत्नी बशीर अहमद गांव व डा० नांज करसोग जिला मंण्डी तथा लीमा गांव नांज थाना करसोग जिला मण्डी हि0 प्र0 को नवजात शिशू का गला दबाकर हत्या करने के आरोप सिद्ध होने पर उम्र कैद व दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला 25 मार्च 2017 को एक महिला आरोपी लीमा को पेट में दर्द के चलते अस्पताल लाया गया डियूटी पर हाजिर डॉक्टर ने उसे जांचा व आबजर्वेशन हेतू अस्पताल में बेड पर सुला दिया लेकिन दर्द के अधिक होने की सुरत में डॉक्टर उसे लेबर रूम ले गए जहां पर आरोपी लीमा ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। कुछ समय बाद बच्ची व मां (लीमा) को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया तब तक आरोपी लीमा की मां फकरा पत्नी नजमदीन भी अस्पताल पहुंच गई थी। उसके बाद नवजात बच्ची की दादी फकरा पत्नी बशीर व नानी फकरा पत्नी नजमदीन ने आपस में लीमा के साथ सलाह मशवरा करके नवजात को मारने का पलान बनाया। दादी (आरोपी) को दरवाजे पर खडा रखा गया व नानी (आरोपी) फकरा ने बच्ची जो मां लीमा आरोपी की गोद में थी के मुंह पर कपडा डाल कर साथ बैठ कर हाथ से मासूम नवजात बच्ची का गला दवा दिया और उसे मौत के घाट उतार दिया। नर्स जब बच्ची को देखने आई तो बच्ची की सांसे नही चल रही थी तथा तुरन्त डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर को बच्ची की मृत्यु पर संदेह हुआ क्योंकि नवजात के गले में नीले निशान व मुंह के आसपास खून पोंछना पाया गया। इस पर तुरन्त पुलिस को सूचना दी गई व नवजात को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला रैफर किया। जिसमें नवजात की मृत्यु गला घोंटने के कारण होना पाया गई। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगामी करवाही शुरू हुई । जांच में आरोपियों ने बताया की नवजात बच्ची को मारने का कारण उसका जन्म शादी के 38 दिनों के बाद हुआ था। जो समाज में बेईज्जती के डर से तीनों ने मिल कर इस कुकृत्य को अंजाम दिया। डीएनए में इस बात की पुष्टी हुई है कि नवजात का पिता पीडिता का पति नहीं था । इस लिए इन सब बातों को लेकर यह लोग नवजात बच्ची से छुटकारा पाना चाहते थे। अदालत में 20 गवाहों के ब्यानात कलमबंद किए गए। सभी गवाहों के ब्यान व वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने यह सजा सुनाई। सरकार की तरफ से मुकदमों की पैरवी उप जिला न्यायवादी कमल चन्देल व उप जिला न्यायवादी के एस जरयाल ने की।

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