रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी।
सामाजिक और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तिब्बत सीमन क्षेत्र में आने लगे है सकारात्मक परिणाम। हिमाचल के तिब्बत सीमांचल क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए आईटीबीपी ले जा रही है दिल्ली। पंचायत प्रतिनिधियों को समारोह में पहुंचाने से ले कर विभिन्न मंत्रालयों में संवाद के लिए जाने का आईटीबीपी की 43 ने उठाया है जिम्मा। पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार और भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के ऐसे प्रयासों को बताया सराहनीय । सीमांत क्षेत्र के लोगों ने बताया इस से जहां सीमांत क्षेत्र सुदृढ़ होगे वही सीमा की सुरक्षा को भी स्थानीय समुदाय के सहयोग से होगी चाक चौबंद ।
देश की सीमाओं से जुड़े 16 जिलों के करीब 46 खंडों के ग्रामीणों को वाइब्रेंट विलेज के तहत मुख्य धारा से जोड़ते हुए उन की सुख सुविधाओ का विस्तार एवं जीवन स्तर को ऊंचा करने का अभियान रंग लाने लगा है। इस प्रयास से दुर्गम सीमांत इलाकों में पलायन को रोकने और देश की रक्षा में जुटी संस्थाओं के साथ स्थानीय लोगों का सशक्त सामंजस्य बनने लगा है । इसी कड़ी में 26 जनवरी समारोह में हिस्सा लेने के लिए सीमांत क्षेत्र के पंचायत प्रमुखों को आईटीबीपी की 43 वी बटालियन की ओर से दिल्ली ले जाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर एवं लाहुल स्पीति जिला के स्पीति क्षेत्र के तिब्बत सीमांत गांव के पंचायत प्रमुखों को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से लेकर विभिन्न मंत्रालयों में अपनी समस्याओं को रखने एवं संवाद के लिए ले जाने व लाने का जिम्मा आईटीबीपी की 43वीं बटालियन ने लिया है। आईटीबीपी के सेनानी चंदन सिंह भंडारी की अगुवाई में आज इन क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी बसों में दिल्ली के लिए रवाना किया है, जो 26 जनवरी को गणतंत्र परेड में अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इन सीमांत क्षेत्र के पंचायत प्रमुखों ने बताया कि भारत सरकार का जीवंत गांव कार्यक्रम दूरगामी सोच के साथ, वहां के लोगों के आर्थिक ,सामाजिक, स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक क्षेत्र में सुधार के लिए एक सकारात्मक पहल है। इससे लोगों में जहां देश की सुरक्षा में लगी एजेंसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाते हुए हमेशा सहयोग करने की भावना तैयार होगी। वहीं क्षेत्र के लोगों का इस तरह के संवाद भ्रमण से अपनी बात को केंद्रीय मंत्रियों तक पहुंचाने का भी मौका मिलेगा । ऐसे प्रयासों से तिब्बत सीमांत के लोगों में पलायन रुकेगा और स्वरोजगार के लिए पर्यटन जैसे व्यवसाय के द्वार सशक्त रूप से खुलेंगे।
आइटीबीपी 43 वी बटालियन के सेकंड इन कमांड पवन कुमार गुप्ता ने बताया बीते वर्ष गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश से वाइब्रेट विलेज कार्यक्रम का आगाज किया था उसके तहत जितने भी तिब्बत सीमन से जुड़े गांव है, उन से समाजसय बहाना और विकास करना है। उन्होंने बताया कि वाइब्रेट विलेज के तहत तिब्बत सीमा के स्पीति व किन्नौर के जो पंचायत प्रमुख है उन्हें रिपब्लिक डे सेलिब्रेशन में आने का सरकार की ओर से निमंत्रण दिया गया है। आईटीबीपी की 43 वी बटालियन के माध्यम से उन्हें पहुंचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 4800 करोड रुपए का योजना रखी गई है जो 2025 /26 तक खर्च किया जाना है। इसमें आइटीबीपी भी सीमांत क्षेत्र के लोगों के साथ भागीदारी निभा रही है। आइटीबीपी ऐसे गांव के लोगों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और उनके सुख सुविधाओं को सरल करने का प्रयास हो रहा है ।
लाहुल स्पीति जिले के स्पीति के सुदूर डेमुल पंचायत की उपप्रधान हिशे डोलमा ने उन्हें गणतंत्र दिवस पर केंद्र सरकार की ओर से आमंत्रण मिला है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए वे जा रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व आईटीबीपी का वे आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने यह अवसर उन्हें दिया है।
छेतन दोरजे ने बताया कि वह स्पीति के अंतिम गांव लोसर से संबंध रखते हैं , देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तह दिल से शुक्रिया अदा करना चाहेंगे। उनके सौजन्य से बीते वर्ष स्वतंत्रता दिवस व इस वर्ष गणतंत्र दिवस को दिल्ली पहुंचकर नजदीक से देखने का मौका दिया गया है । वे आईटीबीपी की 43 वी बहिनी का भी आभार प्रकट करते हैं, जो उनके साथ लगातार सहयोगी बनकर उनकी पूरी मदद लाने ले जाने में कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वाइब्रेट विलेज के तहत जो प्रगति के द्वारा खोले जा रहे हैं और लोगों को बाहरी दुनिया से जोड़ने के लिए उन्हें देश के प्रमुख कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए बुलाया जा रहा है । यह सकारात्मक पहल है और उन्हें इस दौरान विभिन्न मंत्रालयों के मंत्रियों से सीधा संवाद का भी मौका मिल रहा है।
किन्नौर बटसेरी पंचायत उप प्रधान चंद्रिका ने बताया कि आज वे आईटीबीपी के माध्यम से वाइब्रेट विलेज की महिलाएं जो पंचायत प्रतिनिधि है वे सभी दिल्ली गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेने जा रहे हैं । वे सभी देश के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं, जिनके प्रयासों से गणतंत्र दिवस को दिल्ली जाकर लाइव देखने का सुअवसर प्राप्त होगा।
कमल प्रकाश ने बताया कि किन्नौर जिला के दुर्गम गांव हांगो से संबंध रखते है। वे सर्वप्रथम भारत सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करना चाहते हैं, जिनके वजह से वाइब्रेंट विलेज के तहत गणतंत्र दिवस के लिए विशेष अतिथि के रूप में इन इलाकों के पंचायत प्रतिनिधियों को बुलाया है। आज वे सभी आईटीबीपी की 43वीं बटालियन के माध्यम से दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं । जहां-जहां भी वाइब्रेट विलेज है लगातार आइटीबीपी लोगो से समाजस्य बनाए है। संबंधित क्षेत्र विकास और विपदा में हमेशा साथ बनाए रखते हैं।