शिमला जिला के रामपुर आसपास आवारा कुत्तों को पशुपालन विभाग स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से एंटी रेबीज टीकाकरण अभियान को शुरू कर दिया गया है। ताकि शत प्रतिशत घातक बीमारी जो 97 फ़ीसदी कुत्तों के काटने से फैलता है को रोका जा सके। कुत्ते अगर पागल हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें जल्द काबू करना मुश्किल हो जाता है । पागल कुत्ते अपने संपर्क में आने वाले जानवरों अथवा इंसान को काट लेते हैं । जिस से स्थिति विकराल हो जाती है। समय रहते सतर्कता बरती जा रही है। पशुपालन विभाग के रामपुर पशु पॉलीक्लिनिक प्रभारी डॉक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि रेबीज शत प्रतिशत घातक बीमारी है। जो 97 फ़ीसदी केवल कुत्तों के काटने से ही फैलती है। इसलिए इसके बचाव के लिए टीकाकरण आवश्यक रहता है। उन्होंने कहा रामपुर क्षेत्र में कुत्तों को एंटी रेबीज टीका लगाने की मुहिम चलाई गई है । उन्होंने बताया कि टीकाकरण अभियान को रामपुर बाजार, इंदिरा मार्केट, चूहा बाग व खनेरी आसपास पूर्ण कर दिया गया है। भविष्य में भी इस अभियानको जारी रखा जायेगा। इस अभियान को पशुपालन विभाग, ह्यूमन पीपल संस्था व नगर परिषद रामपुर के सांझ प्रयास से सोमवार एवं मंगल वार को चलाया गया। पहले दिन 42 कुत्तों को एंटी रेबीज टीके लगाए गए जब की मंगलवार को भी टीकाकरण अभियान जारी है। डॉक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि टीकाकरण अकेले एक विभाग से चलाना संभव नहीं है , इसलिए स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं एवं नगर परिषद को भी इसमें सम्मिलित कर अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शत प्रतिशत घातक बीमारी होने के कारण इससे बचाव की अत्यंत जरूरत रहती है। रेबीज 97 फीसदी कुत्तों के काटने से फैलने की भावना को देखते हुए पहले ही लावारिस कुत्ता को एंटी रेबीज टीके लगाए गए ताकि भविष्य में रेबीज फैलने की क्षेत्र में भावना न के बराबर रहे।
इस अभियान में डॉक्टर अनिल शर्मा के अलावा पशुऔषधि योजक सुलोचना डोगरा, गुलाब, एकता धीमान, रजत नेगी, पायल तथा नगर परिषद के कर्मचारी शामिल रहे।