किन्नौर जिले के भाबा घाटी के क्राबा गांव में मशरूम की खेती की जानकारी देने बारे एक शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को मशरूम उगा कर कैसे स्वरोजगार को अपनाया जा सकता है और इस की बाजार में मांग एवं गुणवत्ता आदि पर विस्तार से जानकारियां दी गई। इस दौरान मशरूम लेडी के नाम से किन्नौर में परिचित पूह की रहने वाली रूप रश्मि और तरंडा की रहने वाली पवन रेखा ने विस्तार से स्थानीय महिलाओ को मशरूम उगाने के टिप्स दिए । उन्होंने कहा कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से डिंगरी मशरूम आसानी से उगाया जा सकता है और अपनी आजीविका को बढ़ाने के लिए यह एक सरल व फायदेमंद उपाय है। उन्होंने बताया कि क्राबा पंचायत की प्रधान तेंजिन छोकिद के सहयोग से मशरूम उत्पादन बारे प्रशिक्षण शिविर लगाया जा रहा है। ताकि गांव की महिलाए स्वरोजगार को अपना कर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने स्थानीय वातावरण में कब और कितने तापमान पर कैसे डिग्री मशरूम को अधिक से अधिक तैयार किया जा सकता है और किन बातों का इस दौरान विशेष रूप से ध्यान रखना होगा जानकारियां दी। उन्होंने यह भी बताया कि बरसात का मौसम आने वाला है इस दौरान जंगलों में कई तरह के जंगली मशरूम जंगलों में पनपते हैं। इन जंगली मशरूमो में अधिकतर मशरूम जहरीले होते है। खास कर जो ज्यादा चमकीले होते हैं वे अधिक जहरीले होते हैं। लोग ऐसे जंगली मशरूम को इस्तेमाल करने से बच्चे। उन्होंने कहा कि जंगली मशरूम के बारे में जब तक सटीक जानकारी ना हो तो उसका उपयोग न करें। रूप रश्मि व पवन रेखा ने बताया कि कोई भी महिला अगर डिगरी मशरूम तैयार करने के लिए इच्छुक है या इस पर काम करना चाहती हैं तो उनसे संपर्क कर सकते हैं वे गांव-गांव जाकर महिलाओं को इस का प्रशिक्षण व उन्हें मशरूम उगाने के टिप्स दिए जाएंगे।
किन्नौर के क्राबा में महिलाओ को दिए मशरूम उत्पादन के टिप्स
