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उदय योजना व नए कार्यालय बिजली बोर्ड को बना गई कंगाल

रामपुर बुशहर  / विशेषर नेगी

हि0प्र0 स्टेट इलेक्टिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन ने बढ़ाई
हिमाचल  सरकार की मुश्किलें।  यूनियन नेताओ ने कहा बिना नई भर्ती के
प्रदेश में  विद्युत बोर्ड के खोले जा रहे 26 नए कार्यालय बोर्ड के काम
काज को करेंगे प्रभावित। उन्होंने कहा  हिमाचल सरकार द्वारा शुरू की गई
उदययोजना  में उपभोक्ताओ को  मुफ्त 125 यूनिट बिजली  देने से बिजली
बोर्ड हो रहा  है कंगाल।  यूनियन ने कहा जब प्रदेश में थे  6 लाख
उपभोक्ता  तब बोर्ड के पास थे 43 हजार कर्मचारी , जब उपभोक्ता हुए है 26
लाख तो कर्मचारी रह गए है 13 हजार। इस से प्रदेश में जनता को जवाबदेही
सेवाएं देना हुआ है मुश्किल।

हि0प्र0 स्टेट इलेक्टिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन के  प्रदेश
महासचिव हीरा लाल वर्मा ने  रामपुर इकाई सम्मेलन में  हिस्सा लेते हुए
कहा कि आज बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की  घटती संख्या चिंता का विषय
बना है। बोर्ड में कर्मचारियों की कमी के कारण फिल्ड में कर्मचारियों की
दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है और बिजली उपभोक्ताओं की सेवाये  प्रभावित
हो रही है। उन्होंने कहा जब प्रदेश में 6 लाख उपभोक्ता थे  तब बोर्ड के
पास 43 हजार कर्मचारी थे  , अब  उपभोक्ता 26 लाख  है और कर्मचारी 13 हजार
रह गए है। आज बोर्ड में कर्मचारियों के 7500 से ऊपर  पद खाली चल रहे हैं
वहीं वितिय संकट तेजी से विराट रूप ले रहा है। ऐसे में नए कार्यालयों को
खोलने से बोर्ड की स्थिति और विगड़ेगी।  इस से  विद्युत उपभोक्ताओं की
सेवाओं में कोई सुधार नहीं होगा अपितु उपलब्ध कर्मचारियों की नए
कार्यलयों में तैनाती से और सेवाए प्रभावित होंगी।
 सम्मेलन के दौरान वक्ताओं ने कहा आज बिजली बोर्ड में 2 विद्युत परिचालन
वृत 10 विद्युत मंडल तथा 13 विद्युत उप मंडल खोलने प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा सरकार द्वारा शुरू की गई उद्य योजना के तहत  उपभोक्ताओ को
125 यूनिट बिजली मुफ्त  दी जा रही है इस से से बिजली बोर्ड कंगाल हुआ है।
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि आज बोर्ड की खराब
वित्तीय स्थिति को देखते हुए उदय योजना के लागू करने में खड़ी की गई
खामियों को दूर करे। जिससे केंद्र सरकार  बोर्ड के 2870 करोड़ रुपये की ऋण
सरंचना का लाभ बोर्ड को मिल सके।

– हि0प्र0 स्टेट इलेक्टिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन के प्रदेश
महासचिव हीरा लाल  वर्मा ने बताया प्रदेश के सभी  114 इकाइयों में
सम्मेलनों का दौर चला है ताकि    राज्य अधिवेशन  में समस्याएं और सुझाव आ
सके। उन्होंने कहा बोर्ड की  वितीय स्थिति काफी खराब है। कर्मचारियों की
भारी कमी से सेवाएं बाधित हो रही है।  नए कार्यालय खोलने से सेवाओं में
सुधर होने वाला नहीं बल्कि रिक्तियों को कम करना ही विकल्प है।  सरकार
उद्य योजना लागू कर बिजली लोगो को मुफ्त दे लेकिन इस की एवज में बोर्ड को
वित्तीय मदद हो , ताकि कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्ते देने के लिए ऋण
उठाना न पड़े।

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