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आपदा प्रबंधन में स्वर्ग सोसाइटी का सराहनीय योगदान: शिमला में तीन दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेकर साझा की योजना

शिमला/कांगड़ा, 29 जून 2025 (न्यूज व्यूज पोस्ट):

आपदाएं जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन यदि समाज समय रहते तैयार हो, तो जान-माल के नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है। इसी सोच को लेकर जिला कांगड़ा की सामाजिक संस्था स्वर्ग सोसाइटी ने शिमला के फेयरलॉन स्थित MSHIPA (माउंटेनियरिंग व स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) में आयोजित तीन दिवसीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण में भाग लिया।

संस्था की ओर से डॉ. अशोक कुमार सोमल और अधीक्षक अरुणा कुमारी सहित प्रतिनिधियों ने प्रशिक्षण में भाग लेकर न केवल आपदा से बचाव की आधुनिक तकनीकों की जानकारी प्राप्त की, बल्कि भविष्य की योजनाओं पर भी काम करने का संकल्प लिया।

हिमाचल – एक संवेदनशील राज्य

हिमाचल प्रदेश भूकंप के लिहाज से भारत के जोन-5 यानी सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्र में आता है। वर्ष 1905 में कांगड़ा में आए भूकंप ने 20 हजार से अधिक लोगों की जान ली थी। आज की बढ़ती आबादी और बहुमंजिला इमारतों के बीच एक बड़ा भूकंप और अधिक विनाशकारी हो सकता है।

डॉ. सोमल ने कहा, “भूकंप को रोका नहीं जा सकता, लेकिन भूकंपरोधी इमारतें और जनता की तैयारी से जानमाल की क्षति को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। हमारी संस्था 2012 से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही है और जिला कांगड़ा में प्रशासन के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाती रही है।”

प्राकृतिक आपदाएं लगातार दे रही हैं चेतावनी

2023 में हिमाचल में हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलनों ने 10 हजार करोड़ से अधिक की क्षति की और कई लोगों की जान चली गई। इसके अलावा जंगलों में लगने वाली आग, सड़क हादसे और तूफान जैसी आपदाएं भी प्रदेश के लिए चुनौती बनी हुई हैं।

अब तैयार होगी पंचायत स्तर पर योजना

प्रशिक्षण के दौरान दिए गए सुझावों के आधार पर स्वर्ग सोसाइटी ने निर्णय लिया है कि वह फतेहपुर उपमंडल और जिला कांगड़ा के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन योजना (Disaster Management Plan) तैयार करेगी। संस्था का उद्देश्य है कि हर पंचायत के पास अपनी प्राथमिक योजना हो और स्थानीय लोग आपदा की स्थिति में बिना देरी के कार्रवाई कर सकें।

जनता और प्रशासन के बीच मजबूत तालमेल जरूरी

प्रशिक्षण में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि प्रशासन और नागरिकों के बीच सीधा संवाद और सहयोग ही आपदा के समय राहत कार्यों को तेजी से क्रियान्वित कर सकता है। सभी स्वयंसेवी संगठनों को जिला प्रशासन के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

भविष्य के लिए संदेश

डॉ. सोमल ने कहा, “जागरूक और सतर्क नागरिक ही किसी भी आपदा में असली सैनिक होते हैं। हम अपनी पूरी टीम के साथ भविष्य में भी हर आपदा की स्थिति में जिला प्रशासन का सक्रिय सहयोग करेंगे।”


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