शिमला। न्यूज़ व्यूज पोस्ट—-हिमाचल प्रदेश परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्यार सिंह ठाकुर ने अपने वक्तव्य में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति महासंघ (ज्वाइंट फ्रंट) नाम से गठित संगठन से अपने आप को अलग किया है। उन्होंने बताया कि गुमराह कर उन्हें बैठक में ले जाया गया लेकिन उन्होंने बैठक में कोई भी पद लेने से मना किया और कहा उन का संगठन अपनी मांगों को उठाने में सक्षम है। उन्होंने बताया उन्हें एक बैठक में ले जाया गया और कुछ लोगों द्वारा गुमराह करके यह बताया गया था की परिवहन निगम के कर्मचारियों के विषय में कुछ लोगों द्वारा एक बैठक बुलाई गई है। लेकिन वहां जाकर कुछ विभागों के लोग अपनी जिन समस्याओं को लेकर मांग पत्र बना रहे थे उसमें परिवहन के कर्मचारियों की समस्याएं एवं वेतन विसंगतियों की मांग को तो पहले ही निगम के कर्मचारी सरकार तक सार्थक वार्ता के लिए पहुंचा चुके हैं। उन्होंने वहां पर समिति को पहले स्पष्ट किया की हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों द्वारा परिवहन मजदूर संघ के नेतृत्व में पहले ही समन्वय समिति का गठन किया गया है और भारतीय मजदूर संघ से संबंधित परिवहन मजदूर संघ अपनी समस्याओं को लेकर स्वयं में ही अपनी मांगों को सरकार के माध्यम से निदान करवाने हेतु सक्षम है। इस संगठन का कोई भी दायित्व उन्हें ना दें ।भारतीय मजदूर संघ से संबंधित परिवहन मजदूर संघ व्यक्ति विशेष के फैसले से नहीं चलता इसमें कोई भी निर्णय लेना होता इसमें सभी पदाधिकारी आपस में बैठकर गहनता से विचार करने के बाद संगठन का निर्णय लेते हैं। प्यार सिंह ठाकुर ने इस बैठक में जाने को अपना गलत निर्णय स्वीकार करते हुए इस संगठन में किसी भी पद ग्रहण करने और संगठन से परिवहन मजदूर के किसी भी प्रकार के संबंध को स्पष्ट रूप से से खंडित किया है और परिवहन निगम के कर्मचारियों को इस संगठन से अलग करते हुए बताया की परिवहन मजदूर संघ भारत के सबसे बड़े संगठन भारतीय मजदूर संघ से संबंधित है और निगम की संयुक्त समन्वय समिति परिवहन मजदूर संघ के नेतृत्व में गठित हुई है और यह संगठन अपने आप में समस्त कर्मचारियों की समस्याओं के निदान हेतु सक्षम है इसलिए प्यार सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति महासंघ से अपने आप को अलग करते हुए इसकी सदस्यता एवं पदाधिकारी होने को साफ शब्दों में खंडन करते हुए इसमें अपनी आपत्ति जताई है।