रामपुर बुशहर । न्यूज़ व्यूज पोस्ट—समूचे हिमाचल प्रदेश के डॉक्टर अपनी मांगों को मनवाने के लिए दो घंटे हड़ताल पर हैं l प्रदेश में गत वीरवार से डाक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं। छठे वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों के विरोध में राज्य पशु चिकित्सा संघ भी आगे आया है। इनमें वेटरनरी, एलोपैथी व आयुर्वेद से लेकर सभी श्रेणियां शामिल हैं। डाक्टर 10 से 17 फरवरी तक पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं । जिससे स्वास्थ्य सेवाएं कुछ समय के लिए प्रभावित हो रही है l इस संदर्भ में राज्य पशु चिकित्साअधिकारी संघ का प्रतिनिधित्व करते हुए रामपुर बुशहर में तैनात प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुरेश कपूर ने कहा कि 17 तक सरकार ने मांगें न मानी तो यह संघर्ष और तेज कर दिया जाऐगा। प्रदेश में 10 फरवरी से डाक्टर दो घंटे तक सेवाएं नहीं दे रहे हैं । हालांकि इमरजेंसी में इंसानियत का नाता भी निभाया जा रहा हैं । सुबह साढ़े नौ से साढ़े 11 बजे तक डाक्टरों की हड़ताल लगातार जारी हैं । डॉक्टर कपूर ने कहा कि सभी डाक्टरों के साथ वेतन विसंगतियां सामने आई हैं। चार प्रमुख बिंदुओं पर संघ संयुक्त मोर्चा के साथ खड़ा है। वेटरनरी डाक्टरों का उच्चतर वेतनमान पंजाब में 2 लाख 37 हजार है तो हिमाचल ने इसे 2 लाख 18 हजार पर फ्रीज कर दिया है। पंजाब से कम क्यों किया गया, इस पर रोष है।
दूसरा, 2015 में बेसिक पे कम बढ़ाई गई। हर डाक्टर को 10 से 20 हजार तक कम बेसिक पे बनाई गई। अब मौजूदा सरकार ने तीन जनवरी के बाद डाइनेमिक एश्योर्ड कैरियर एंश्योरेंस स्कीम बंद कर दी है। इसे बहाल किया जाए। चौथा, अनुबंध पर कार्यरत डाक्टरों को न्यूनतम बेसिक पे दी जाए न की उन्हें बेसिक पे का 60 प्रतिशत पर फिक्स किया जाए। इससे डाक्टरों का वेतन कम हो रहा है।