Site icon Hindi &English Breaking News

हिमाचल किसान सभा व एस एफ आई ने रामपुर, निरथ, बिथल, बायल और झाकड़ी में प्रदर्शन किया।

संयुक्त किसान मोर्चा व संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के आह्वान पर किसान आंदोलन में युवा किसान की हरियाणा पुलिस के दमन से हुई हत्या तथा आज अबू धाबी में हो रहे विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सम्मेलन के विरोध में आज सीटू, हिमाचल किसान सभा व एस एफ आई
ने रामपुर, निरथ, बिथल, बायल और झाकड़ी में प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू ज़िला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, सचिव अमित, उपाध्यक्ष रणजीत, किसान सभा ज़िला अध्यक्ष प्रेम, सचिव पूर्ण ठाकुर, सह सचिव देवकीनन्द, एस एफ आई रामपुर एरिया कमेटी सचिव राहुल विद्यार्थी, काम राज, गुरदास, कपिल, अजय, राज ठाकुर, आनंद मेहता, अनूप, और ललिता ने कहा कि आज 26 फरवरी 2024 को आबू धाबी में डब्ल्यू.टी.ओ. का सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। यह प्रदर्शन इस सम्मेलन के विरोध में है क्योंकि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) भारत में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य न देने, धन के रूप में लाभ के सीधे हस्तांतरण करके पी.डी. एस. को वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए ज़िम्मेदार है। दोनों शर्तें किसानों, गरीबों और भारत की खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं।

इसके अलावा केन्द्र सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार किसान आंदोलन को अलग-थलग करने और विभाजित करने, पंजाब के लोगों के बीच अलगाव पैदा करने और इस विभाजन का चुनावी लाभ उठाने की कोशिश की साजिश कर रही है। प्रदर्शनकारियों पर गंभीर दमन किया जा रहा है।

हरियाणा पुलिस द्वारा पंजाब की खनौरी सीमा पर युवा किसान शुभकरण सिंह की हत्या पर देश भर के किसानों और मजदूरों में गहरा रोष है।

संयुक्त किसान मंच ने हत्या की साजिश रचने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीधे तौर पर दोषी ठहराया है। एस.के.एम. इस मामले में अमित शाह और हरियाणा के मुख्यमंत्री और राज्य के गृहमंत्री, मनोहर लाल खट्टर और अनिल विज के इस्तीफे की मांग और उनके खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 302 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करने की मांग सहित हत्या, क्रूर दमन और ट्रैक्टरों को हुए नुकसान की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग कर रहा है।

मोदी शासन के दौरान, कर का बोझ कॉर्पोरेट से आम लोगों पर स्थानांतरित हो गया है। पिछले 10 वर्षों में व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 117% की वृद्धि हुई, जबकि कॉर्पोरेट कर संग्रह में केवल 28% की वृद्धि हुई। मोदी ने 2019 में कॉर्पोरेट टैक्स को 30% से घटाकर 22% कर दिया था। 2021-22 वित्तीय वर्ष में, अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने केवल 16.5% की प्रभावी कर दर का भुगतान किया।

भारत में ट्रैक्टर बिक्री के हालिया आंकड़े, ग्रामीण आर्थिक स्वास्थ्य के लिए एक संकेत है, जो बताते हैं कि इस वित्तीय वर्ष के पहले 9 महीनों में ट्रैक्टर की बिक्री में भारी गिरावट देखी गई है। किसानों की आय दोगुनी करने का जुमला तेजी से उजागर हो रहा है।

हाल ही में आर.बी.आई. के आंकड़ों से पता चला है कि देश में सबसे कम दैनिक मज़दूरी 241 रुपये गुजरात में दी जाती है जो मुद्रास्फीति और मूल्य वृद्धि की मौजूदा दर के तहत पांच सदस्यीय परिवार के लिए जीवनयापन के लिए अपर्याप्त है।

किसान, श्रमिक, छोटा व्यापारी, युवा बेरोजगार सहित हर तबका इस शासनकाल में त्रस्त है और जनता में केन्द्र की इन जन विरोधी नीतियों के प्रति आक्रोश है।

प्रदर्शन में हेमराज, भजन, कपिल, राकेश, सुनील, अजय भैक, विकास भैक, हरीश चौहान, चंद्र पाल, राजपाल, परस राम, योगराज, चंद्ररेश, भुवनेश, अमरीश, दयाल, देव राज, टेक चंद, मनिता, नीलम, सुनामणि, आशा, निमू आदि मौजूद रहे।

Exit mobile version