नारकंडा। विशेषर नेगी—हिमाचल प्रदेश के पहाड़ो पर सर्दियों के दौरान बर्फ का आनंद
उठाने के लिए बाहर से आने वाले पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा के लिए वाहन
चलते हुए कुछ सावधानियां बरतनी होती है। ताकि वे इस रोमांचकारी यादगार
यात्रा का आनन्द सुरक्षित ले सके। अक्सर बाहर से आने वाले वाहन चालकों को
बर्फ में वाहन चलाने का अनुभव नहीं होता। जिस कारण वे दुर्घटना अथवा
बर्फ में वाहन फिसलन के कारण आपस में वाहन टकरा जाते है। वाहन चलाते
हुए एक से दूसरे वाहन की दूरी अधिक रखनी होती है। ताकि बर्फ में फिसलन की
स्थिति में वाहन फिसल कर आपस में टकरा ना जाए । बर्फ में वाहन के
टायरों में हवा औसतन से कम रखनी होती है ताकि हवा कम होने से फिसलन ना
हो। इसके साथ साथ गियर हैवी रखनी होती है। और गति भी कम। हल्के गियर में
या तेज गति में वाहन फिसल कर बेकाबू हो जाती है। इसके साथ साथ
स्टीयरिंग को ज्यादा तेजी से नहीं घुमाना होता है अन्यथा स्टेरिंग धुमाते
ही टायर तेजी से मुड़ कर बर्फ में फिसल जायेगे। हो सके तो टायरों के लिए
बर्फ में चैन लगा कर धीमी गति के साथ वाहन चलाये। वाहन चलाते हुए चालक ध्यान रखे, जमी हुई बर्फ में फिसलन का खतरा है ,अगर बर्फ में चढ़ाई वाले मार्ग में वाहन चला रहे हो तो वाहन को धीमी गति से एक लय में कम एक्सीलेटर देते हुए गाड़ी को आगे बढ़ाएं। अगर एक्सीलेटर कम ज्यादा हुआ तो गाड़ी अटक जाएगी टायर बर्फ में फ्री धुमेगे और फिर वहां से गाड़ी आगे नही चढ़ पाएगी जब तक समतल अथवा टायरों को सही ग्रिप देने वाला स्थान न मिले। गाड़ी को उतराई में उतारना चालक के लिए सब से ज्यादा जोखिम वाला काम रहता है। खास कर जमी बर्फ जिसे पहाड़ी भाषा मे शान कहते है। ऐसे में वाहन को बिल्कुल धीमे और पीछे नाली की ओर रख कर चलायें ताकि स्किट यानी फिसलन होने पर जल्द सड़क से वाहन बाहर न निकले।अगर बर्फ में वाहन फिसलने लगे तो ब्रेक का इस्तेमाल करने से और दिक्कत करेगा, इस लिए स्टीयरिंग को धीमे से घुमाते हुए सुरक्षित स्थान की ओर करें।
आशीष नेगी ने बताया कि हिमाचल में सर्दियों के मौसम में
बर्फबारी के दौरान बाहर से पर्यटक बर्फ देखने आते हैं। लेकिन उन्हें
बर्फ में वाहन चलने का अनुभव नहीं होता है ,जिस कारण कई पर्यटक वाहन
दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में पर्यटकों से अपील है कि कुछ
गाइडलाइंस को फॉलो करें, जिनमें बर्फ में स्पीड कम रखें ब्रेक का
इस्तेमाल कम करना पड़े । ब्रेक बर्फ में फिसलती है। वाहन के टायरों में
हवा कम रखे। एक से दूसरे वाहन की दूरी औसतन अधिक रखे। वाहन को तेजी से
ना घुमाये ,टायर तेजी से घूमने पर गाडी बर्फ में फिसल जाती है।
नारकंडा हाटु टैक्सी यूनियन मेंबर कपिल देव ने बताया बाहर से
जो टूरिस्ट हमारे यहां आते हैं उन से निवेदन है कि वे गाड़ी को धीरे
चलाएं। ब्रेक का कम से कम प्रयोग करें और टायरों में हवा कम रखें। अक्सर
बाहर से आने वाले पर्यटक बर्फ में वाहन चलाने का अनुज नहीं रखते जिससे
उनकी गाड़ियां आपस में टकरा जाती है।
सहायक अभियंता नेशनल हाईवे भूपेंद्र ने बताया कि वाहन चालकों से
निवेदन करते हैं कि वाहन को धीमी गति से चलाएं। टायरों में हवा कम रखे।
एक दूसरे से दूरी अधिक बनाए रखें, हो सके तो बर्फ में सफर न करे।
दिल्ली से आये पर्यटक सुरेश कुमार ने बताया कि वह वाहन ड्राइव
करके यहाँ आये है। लेकिन उन्हें बताया गया कि बर्फ में वाहन चलाते
हुए कुछ सावधानियां बरतें। जिसमें वाहन को पहले दूसरे गियर में धीमी गति
से चलाएं। टायरों में हवा कम रखें , बर्फ में सफर करना हो तो टैरो के
लिए चेन साथ रखे।