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सतलुज जल विद्युत निगम कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी के सातवे सम्मेलन में गुरदास बने अध्यक्ष

रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट।

सतलुज जल विद्युत निगम कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ( संबधित सीटू) 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी का सातवाँ सम्मेलन। आज झाकड़ी में हुआ। सर्वप्रथम
इस सम्मेलन में 6 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल का चुनाव हुआ, जिसने सम्मेलन की कार्यवाही का संचालन किया।
सम्मेलन में शिमला ज़िला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, उपाध्यक्ष रणजीत ठाकुर, सचिव अमित, 210 मेगावाट वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष राजपाल भंडारी, 210 मेगावाट आउटसोर्स वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष मंजीत सिंह मौजूद रहे।
इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शिमला ज़िला सचिव अमित ने कहा कि हमारे देश में मोदी की गठबंधन की सरकार ने अक्रामकता के साथ मेहनतकशो पर हमले शुरू कर दिए हैं।
यह गठबंधन निर्मम और हमलावर होने के लिए पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने कहा इस सरकार के
पदभार ग्रहण करने की औपचारिकता पूरी होने के बाद पहले ही श्रम मंत्री ने इपीएफ, पेंशन और एम्पलाई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम की राशि समय पर जमा न करने वाले मालिकों पर लगने वाले जुर्माने को घटाने के आदेश पर अपनी सहमति जताई।
लगभग 48 करोड़ वर्कर इपीएफ और पेंशन के हकदार हैं। जिनमें से केवल 12 करोड़ ही इसके दायरे में आते हैं। सरकार ने जो छूट दी है उसमे पहले 5% से 25% जुर्माना लगता था, अब वह 1% से 12% कर दिया गया है।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2023 तक 1002 छूट प्राप्त संस्थान है जिनके पास 31 लाख, बीस हज़ार सदस्यों का 3,52,000 करोड रुपए देय है। उन्होंने कहा हाल ही में कर्नाटक सरकार ने IT और ITES उद्योगों को स्टैंडिंग ऑर्डर के अमल में 5 साल की छूट दे दी है। कर्नाटक ने शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में बदलाव कर जो ओवर टाइम के घंटे के साथ 10 घंटे काम करने की अनुमति थी, उसे पूरी तरह हटा दिया है और 14 घंटे काम सामान्य बना दिया गया है। इससे राज्यों में 20 लाख श्रमिकों पर प्रभाव पड़ेगा । इन उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों के लिए मौत का कुआं तैयार हुआ है। वर्तमान में केंद्रीय क्षेत्र में ठेका मजदूरों की संख्या 32 लाख 58 हज़ार हो गई है। लेकिन अभी तक कोई भी स्थाई नीति ठेका मजदूरों के लिए नहीं है।
तीसरी बार सत्ता में आते ही मोदी सरकार मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड को लागू करने में तुली हैं। अपने घोषित 100 दिन के एजेंडे में पूर्ण रूप से मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड को लागू कर रही है। केन्द्र में एन डी ए की सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के चलते बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। जनता की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खर्च करने की क्षमता घट रही है।
सम्मेलन के अंत में यूनियन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष गुरदास ने कहा कि आने वाले समय में वे मज़दूर विरोधी 4 लेबर कोडों को निरस्त करने, मज़दूरों के लिए बीमा योजना बारे, मज़दूरों के लिए पदोन्नति निति, मज़दूरों के काम के आधार पर पद लेने बारे, मज़दूरों के ग्रेच्युटी के अधिकार आदि के लिए अगले एक साल में संघर्ष करेंगे। इस सम्मेलन में सर्वसम्मति से 39 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया जिसमें गुरदास को अध्यक्ष, कामराज को महासचिव, पवन को कोषाध्यक्ष, सूरम लाल वांस्टू को सलाहाकार, जतिन, राजेन्द्र भंडारी, कमला, रेखा व निशा को उपाध्यक्ष, कौल राम, तिलक, अमीर नेगी व दिल मुन्नी को सचिव, दीप राम, ज़ालमी राम, यशवंत, दौलत राम, जिया लाल, दुशासन, कली, शिव कुमार, कैलाश भंडारी, फ़ूला सिंह, जगत पाल, कृष्ण, पवन नेगी, दीपक, कुलदीप, दिनेश, पार्वती, सुरेन्द्र, पवन ठाकुर, पवन वर्मा, हीरा लाल, नीटू, रोशन लाल, राजकुमारी, सुरेश को सदस्य चुना गया।

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