शिमला। न्यूज़ व्यूज पोस्ट—हिमाचल प्रदेश के संस्कृत एवं हिंदी भाषा अध्यापकों ने हि. प्र. के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं उनकी सरकार का भाषा एवं शास्त्री अध्यापकों को टी जी टी पदनाम प्रदान करने पर आभार व्यक्त किया है। संस्कृत अध्यापकों की ओर से डॉ. अरुण शर्मा, नरेंद्र शर्मा, और हिंदी भाषा अध्यापकों की ओर से नरेश कुमार शर्मा शिव देव, प्रेम धामी, राज भाटिया, धर्मेंद्र शर्मा , उरेन्द्र कुमार, राकेश कुमार, अशोक शर्मा, बलदेव, राकेश रघुवंशी, कमल ठाकुर, करीम खान, विवेकशील विश्वनाथ शर्मा, बलवीर , अनिल , देवेंद्र, नीलम शर्मा,ऊषा दीपक, कमलेश ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार ने हिंदी व संस्कृत शिक्षकों की विलंबित मांग को पूर्ण करके एक ऐतिहासिक फैसला लिया है जिससे हजारों अध्यापक लाभान्वित हुए हैं। आज सरकार ने हिंदी और संस्कृत भाषाओं को जो सम्मान दिया है उससे सरकार का इनके प्रति प्रेम और सम्मान साफ दिखाई देता है। इस बजट में मुख्यमंत्री महोदय ने इसकी घोषणा की थी और अब कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर इन अध्यापको को सम्मान देकर बहुमूल्य तोहफा दिया है। सभी भाषा और शास्त्री अध्यापक इसके लिए मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री श्री गोविंद ठाकुर, सम्पूर्ण मंत्री मंडल सहित प्रधान शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक के आभारी हैं।
डॉ. अरुण शर्मा और नरेश कुमार शर्मा ने अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ की हिमाचल इकाई का भी सहयोग हेतु हृदय से धन्यवाद व्यक्त किया है क्योंकि महासंघ ने इस कार्य को पूर्ण करवाने में अहम भूमिका निभाई है। साथ ही हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ को विश्वास दिलाया है कि सभी शास्त्री और भाषा अध्यापक भविष्य में शिक्षक महासंघ का पूर्ण सहयोग करके कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे और शैक्षिक महासंघ के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र एवं राष्ट्र निर्माण में संचालित विभिन्न कल्याणकारी कार्यों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।