शिमला, न्यूज व्यूज पोस्ट।
हिमाचल प्रदेश की सीमाएं अब केवल सुरक्षा की दीवार नहीं, बल्कि पर्यटन के नए रास्ते बनेंगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू 10 जून को किन्नौर के शिपकी-ला से सीमावर्ती पर्यटन गतिविधियों का विधिवत शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर वे सद्भावना साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे — जो एक प्रतीक होगा देशभक्ति और विकास के अद्वितीय संगम का।
राज्य सरकार की लगातार कोशिशों के बाद रक्षा मंत्रालय ने लेप्चा, शिपकी-ला, गिउ और रानी कंडा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को पर्यटन के लिए सशर्त मंजूरी दे दी है। अब पर्यटक आधार कार्ड दिखाकर इन क्षेत्रों के नैसर्गिक सौंदर्य और सामरिक महत्व को करीब से देख सकेंगे।
सीमा पर विकास की रफ्तार तेज
मुख्यमंत्री ने आज सेना और बीआरओ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में साफ निर्देश दिए — “सीमा पर रहने वालों को सिर्फ सरहद का भार नहीं, विकास का अधिकार भी चाहिए।” उन्होंने सीमावर्ती सड़कों, खासकर निथलथाच-हर्षिल और संसारी-किलाड़-थिरोट-तांदी सड़क परियोजनाओं में तेजी लाने का आदेश दिया।
हिमाचल स्काउट बटालियन का प्रस्ताव
सीएम सुक्खू जल्द ही दिल्ली दौरे में हिमाचल स्काउट बटालियन के गठन का प्रस्ताव रखेंगे। उनके मुताबिक, “स्थानीय युवा क्षेत्र की हर चोटी और हर घाटी से वाकिफ हैं। वे सीमाओं की रक्षा में हमारी ताकत बन सकते हैं।”
सेना लगाएगी सेब प्रसंस्करण संयंत्र, करेगी नेत्र शिविर
सेना ने भी सहयोग का हाथ बढ़ाया है। जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल जी.डी. मिश्रा ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सेब प्रसंस्करण संयंत्र लगेगा और जून माह में मोतियाबिंद सर्जरी के लिए विशेष चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा।