शिपकी- ला: विशेषर नेगी
हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर पर्यटन को नई दिशा देने की ऐतिहासिक पहल करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को किन्नौर जिला के सामरिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का विधिवत शुभारंभ किया। पहली बार आम नागरिकों और पर्यटकों को इस क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मिलने से जहां स्थानीय आर्थिकी को संबल मिलेगा, वहीं राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े पहलुओं के बीच पर्यटन कूटनीति को भी मजबूती मिलेगी।
पर्यटन के साथ रणनीतिक सोच का मेल
मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लेपचा, गिऊ, रानी कंडा और शिपकी-ला जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन की अनुमति के लिए राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से विशेष आग्रह किया था। केंद्र की स्वीकृति मिलने के बाद अब इन क्षेत्रों में नियंत्रित सीमा पर्यटन की शुरुआत की जा रही है। इस पहल से सीमांत क्षेत्रों में बसे लोगों की आजीविका के नए रास्ते खुलेंगे।
शिपकी-ला से कैलाश मानसरोवर यात्रा का मार्ग प्रस्तावित
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश सरकार शिपकी-ला को कैलाश मानसरोवर यात्रा के वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस प्रस्ताव को प्रस्तुत करेंगे। उनका कहना था कि शिपकी-ला से होकर कैलाश यात्रा न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह अब तक का सबसे सुगम और कम दूरी वाला मार्ग भी हो सकता है।
भारत-चीन व्यापार बहाली की उठाई मांग
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत-चीन व्यापार, जो वर्ष 2020 में कोविड के बाद बंद हो गया था, उसे शिपकी-ला दर्रे के माध्यम से पुनः शुरू करने का भी प्रयास किया जाएगा। यह दर्रा वर्षों से स्थानीय व्यापारियों और तिब्बत क्षेत्र के नागरिकों के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक पुल रहा है।
सेना से सहयोग और ‘इनर लाइन परमिट’ हटाने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती पर्यटन को सरल और सुलभ बनाने के लिए राज्य सरकार केंद्र से इनर लाइन परमिट प्रणाली को समाप्त करने की मांग करेगी। उन्होंने बताया कि पर्यटकों को बिना बाधा सीमा क्षेत्र तक लाने के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से एक संयुक्त योजना बनाई जाएगी।
हिमाचल स्काउट बटालियन और हवाई सुविधा का प्रस्ताव
राज्य सरकार ने केंद्र से हिमाचल स्काउट बटालियन के गठन की भी मांग की है, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को विशेष आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अतिरिक्त सीमांत इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डे की स्थापना का मामला भी केंद्र के समक्ष रखा जाएगा।
वांगतू-अटरगू-मुद-भावा दर्रा मार्ग को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला-काजा को जोड़ने वाला वांगतू-अटरगू-मुद-भावा दर्रा मार्ग अब राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से स्वीकृत हो चुका है। इस सड़क के बनने से काजा और शिमला के बीच की दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे रणनीतिक और पर्यटन दृष्टि से यह मार्ग अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाएगा।
आई.टी.बी.पी. और सेना के हेलीपैड होंगे पर्यटन के लिए उपयोगी
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आई.टी.बी.पी.) के साथ मिलकर दूरदराज क्षेत्रों में मौजूद हेलीपैड्स को पर्यटन प्रयोजन में इस्तेमाल करने की योजना तैयार की जा रही है। साथ ही, आई.टी.बी.पी. के अस्पतालों के जरिये सीमावर्ती इलाकों में निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं देने की भी योजना पर काम हो रहा है।
शिपकी-ला में सरहद वन उद्यान का लोकार्पण
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘सरहद वन उद्यान’ का भी लोकार्पण किया, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में हरियाली और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नवाचार है। उन्होंने शिपकी-ला स्थित इंदिरा गांधी प्वाइंट का भी निरीक्षण किया।
स्थानीय संस्कृति और नेतृत्व को मिला मंच
कार्यक्रम के दौरान ग्राम पंचायत नमग्या के प्रधान बलदेव नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने शिपकी-ला में पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने और हिमाचल पथ परिवहन निगम की ऑन डिमांड बस सेवा शुरू करने की मांग की।
स्थानीय महिला मंडलों द्वारा पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने आयोजन को जीवंत बना दिया।
उपस्थित रहे कई वरिष्ठ अधिकारी और सैन्य प्रतिनिधि
इस मौके पर हिमाचल राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम, किनफेड के अध्यक्ष चन्द्र गोपाल नेगी, 19 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल नितिन शंकर, महार रेजिमेंट के कर्नल जी.के. गुंडे, 43 आई.टी.बी.पी. के कमांडेंट सुरेन्द्र पंवार, उपायुक्त अमित कुमार, पुलिस अधीक्षक अभिषेक एस सहित सेना, अर्धसैनिक बलों और प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
🔺 यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों को देश के पर्यटन नक्शे पर लाकर उन्हें सशक्त बनाएगी और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि का नया अध्याय लिखेगी।