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शाहिद ए आजम भगत सिंह* की शहादत की याद मे श्रद्धांजलि अर्पित की गई

रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट/
_ _ _ _ _ _ एसएफआई रामपुर इकाई द्वारा *शाहिद ए आजम भगत सिंह* की शहादत की याद मे महाविद्यालय में भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और "THE LEGEND OF BHAGAT SINGH" मूवी का आयोजन किया गया ।

राज्य उपाध्यक्ष बंटी ने कहा देश और दुनिया के इतिहास में वैसे तो कई महत्वपूर्ण घटनाएं 23 मार्च की तारीख पर दर्ज हैं. लेकिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना, भारत के इतिहास में दर्ज इस दिन की सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वर्ष 1931 में क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को फांसी दी गई थी.

भगत सिंह एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे. जिन्हें 23 साल की उम्र में अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था. बहुत कम उम्र में ही वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के राष्ट्रीय नायक बन गए थे.भगत सिंह कहते थे कि वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते हैं. वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मरी आत्‍मा को कुचल नहीं पाएंगे. शहीद भगत सिंह मरने के बाद भी देशवासियों में जिंदा हैं. उनके विचार जिंदा
हैं.
इकाई सचिव मितल ने कहा कि आज हमे भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी के आदर्शो पर चलना चाहिए जिन्होंने इस देश को आजाद करवाने के लिए मात्र छोटी सी उम्र में अपने प्राणों का बलिदान किया । और आज हमारी सरकारें इन क्रांतिकारियो का इतिहास पढ़ाने से भी डरती है । और एसएफआई इस दिन को पूरे देश के अंदर बड़े उल्लाह और जोश के साथ मानती है।

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