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वेतनमान लागू होने के बाद हिमाचल में कर्मचारियों को हुए नुकसान की दी जानकारी

शिमला। न्यूज़ व्यूज पोस्ट–हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग , उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर, डॉ रामलाल मारकंडे , सुरेश भारद्वाज , वीरेंद्र कंवर और हिमाचल सरकार में मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह से वेतनमान लागू होने के बाद हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को वेतनमान में हुए नुकसान के बारे में अपना पक्ष रखा। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया और कहीं इस कोविड-19 के दौरान प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को समय पर वेतन देने का काम किया। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ हिमाचल सरकार का आभार व्यक्त करता है जिन्होंने 3 वर्ष वर्ष को घटाकर 2 वर्ष करने और हिमाचल प्रदेश में काम करने वाले अनुबंध कर्मचारियों को लाभ देने का काम किया। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश सरकार के सामने समय-समय पर प्रदेश के कर्मचारियों की समस्याओं को उठाने का काम कर रहा है। हिमाचल प्रदेश में वेतन आयोग लागू करने के बाद 4 तारीख को हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा की अध्यक्षता में मुख्य सचिव से मिलकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतन आयोग में पाएगी त्रुटियों के बारे में जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ को मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया और कहां की आप प्रदेश के कर्मचारियों और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी वेतन मान और पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतनमान की तुलनात्मक स्टडी करके आप सरकार को प्रेषित करें। उनके आदेश अनुसार हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं की एक टीम जो वित्त विभाग में एक्सपर्ट है उन्हें तुलनात्मक फिजिक्स स्टडी करने का कार्य दे दिया है । बहुत जल्द हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ अपनी एक रिपोर्ट तैयार करके मुख्य सचिव और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा और और प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की मांग से सरकार को अवगत कराएगा। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ पूर्व में सरकारों द्वारा प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के साथ किया गया धोखा आज प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन आयोग में नुकसान उठाना पड़ रहा है। पूर्व सरकार द्वारा 4-9-14 को बंद करके कर्मचारी विरोधी होने का सबूत दिया था। आज जयराम सरकार को पानी पी पीकर कोसने वाले साम्यवादी संगठन तत्कालीन सरकार के गोद में बैठ कर लाखों कर्मचारी साथ खेलने का काम करते थे। हिमाचल प्रदेश में जब भी सरकार आई है वेतनमान आयोग को लागू करने के काम पूर्व में धूमल सरकार और वर्तमान में जयराम सरकार को करना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से मांग करता है कि हिमाचल में वेतन आयोग को पंजाब की तर्ज पर पूर्णता लागू करें और प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को राहत प्रदान करें। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी फिटमेंट टेबल के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को पंजाब की तुलना के अनुसार काफी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है । और सरकार द्वारा 4-9-14 बंद करने और प्रदेश के कर्मचारी को मिलने वाला लाभ खत्म करने काम किया था। हिमाचल प्रदेश सरकार से आग्रह करता है कि हिमाचल प्रदेश में भी पंजाब की तर्ज पर 15% हाइक और सभी पंजाब की तर्ज पर दे। हिमाचल प्रदेश मैं अपना वेतन आयोग ना होने की वजह से प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को पंजाब के और देखना पड़ता है। 2016 से केंद्र में वेतनमान लागू हो गया था परंतु प्रदेश पंजाब के वेतनमान का अनुसरण करने की वजह से 5 वर्ष तक वेतन से वंचित रहा। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से मांग करता है कि यदि पंजाब का वेतनमान हिमाचल में लागू करना है तो पंजाब की तर्ज पर ही लागू करें। हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारी इस वेतनमान को स्वीकार करने और फिटमेंट टेबल में कैलकुलेशन करने के लिए और समय की मांग करता है। 4 तारीख को हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार द्वारा बजट सत्र में की गई घोषणा जिसमें प्रदेश के लाखों लाखों शिक्षक साथियों के की समस्याओं के निवारण हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। परंतु पिछले 1 वर्ष से इस बैठक का आयोजन नहीं हो पाया । हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री महोदय, मुख्य सचिव कोमा प्रदेश प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्रियों से अपना विरोध दर्ज कराते हुए मांग की की जल्द उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाए और हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ 14 सूत्रीय मांग पत्र जिसे माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांतीय अधिवेशन 20 जनवरी 2019 को उन्नाव में और 8 अगस्त 2021 को मंडी में मंच से घोषणा की थी। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश के सभी कर्मचारियों की मांगों को लेकर जिसमें स्कूल में काम करने वाले एसएमसी अध्यापक और कंप्यूटर अध्यापक जो पिछले 20 वर्षों से सरकारी विद्यालयों में सेवाएं दे रहे हैं उनका वेतनमान सिर्फ 10,000 है हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से मांग करता है कि s.m.c. अध्यापक साथियों और कंप्यूटर अध्यापक के लिए निमित्त करंट की नीति बनाई जाए। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश के शिक्षक बंधुओं की विभिन्न मांगों को लेकर बार-बार सरकार से मिल रहा है। समय रहते सरकार शिक्षकों की समस्याओं को लेकर होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा उठाए के विषय को हल करने का काम करें।अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव श्री पवन मिश्रा और हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, प्रांत महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर कोमा प्रांत संगठन मंत्री विनोद सूट ,प्रांत अतिरिक्त महामंत्री श्री सुधीर गौतम, श्री दर्शन लाल, एक संयुक्त बयान में सरकार से हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों की समस्याओं को हल करने की मांग की।

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